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    Kushinagar Flood Alert: धंस रहा लांचिंग एप्रन, मरम्मत में जुटा विभाग; नारायणी-गंडक ने बजाई खतरे की घंटी

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 12:26 PM (IST)

    कुशीनगर के तरयासुजान में गंडक नदी का जलस्तर घटने से बांध की सुरक्षा खतरे में है। लॉन्चिंग एप्रन के धंसने से बांध पर दबाव बढ़ गया है। नदी के उस पार सिल्ट जमा होने और अवैध बालू खनन को ग्रामीण खतरे का कारण बता रहे हैं। हालांकि विभाग का दावा है कि बांध सुरक्षित है और मरम्मत कार्य जारी है।

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    नरवाजोत बांध के किनारे बनाए गए लांचिंग एप्रन का रिक्यूव। जागरण

    जागरण संवाददाता, तरयासुजान। गंडक नदी में जल स्तर में हुई कमी के बाद बांध की सुरक्षा के लिए बनाए गए लांचिंग एप्रन अब तेजी से धंसना शुरू हो गया है। इससे बांध पर खतरा मंडराने लगा है। मंगलवार को 92 लाख क्यूसेक पानी की तेज धारा के कारण कृषि भूमि और फसलों की कटान के बाद अब गंडक सीधे बांध को निशाना बना रही है। जगह-जगह बनाए गए लांचिंग एप्रन को नुकसान पहुंचा रही है।

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    कारण यह है कि उस पार अत्यधिक सिल्ट हो जाने के कारण गंडक नदी की धारा के निशाने पर बांध है। नरवाजोत व एपी बांध की सुरक्षा को देखते हुए हाईलेबल कमेटी के प्रस्ताव पर कुल सात परियोजनाओं के लिए शासन ने 72 करोड़ रुपये अवमुक्त किया था, लेकिन अभी अधिकांश परियोजना अधूरी पड़ी हुई है।

    जलस्तर में हुई कमोवेश वृद्धि के कारण और नदी उस पार अत्यधिक सिल्ट होने के कारण अब बांध के तरफ नदी का दबाव बढ़ गया है। ग्रामीणों के मुताबिक गंडक नदी में अवैध बालू खनन के कारण बांध के तरफ नदी ने रुख कर किया है, क्योंकि नदी के ऊपर जमा सिल्ट की सफाई न होने के कारण स्थिति उत्पन्न हो गई है।

    कहा कि अगर बालू के अवैध खनन पर प्रशासन ने रोक लगाया होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं ही होती। विभाग का मानना है कि गंडक नदी के उस पार अत्यधिक सिल्ट हो जाने के कारण बांध के तरफ नदी का दबाव बढ़ गया है। एपी बांध के बीरवट कोन्हवलिया और जवहीं दयाल के मुसहर टोली पर नारायणी दबाव बनाना शुरू कर दी है। हालांकि विभाग का दावा है कि बांध को अभी तक कोई खतरा नहीं है। लांचिंग एप्रन जहां भी लांच हो रहा है उसकी मरम्मत कराई जा रही है।

    लांचिंग एप्रन का निर्माण लांच होने के लिए ही बनाया जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। बांध पूरी तरह से खतरे के बाहर है। हर आपात कालीन परिस्थितियों से जूझने के लिए पूरी तैयारी है।

    - जेपी सिंह, अधीक्षण अभियंता