मौसम की मार से कुशीनगर में घट गया गन्ने का रकबा, 23 हजार छोटे किसानों ने खेती से मुंह मोड़ा
कुशीनगर जिले में मौसम की मार और अन्य कारणों से गन्ने की खेती का रकबा घट गया है। लगभग 23 हजार छोटे किसानों ने गन्ने की खेती से किनारा कर लिया है। जिले की चार चीनी मिलों ने पेराई सत्र शुरू करने की तिथि प्रस्तावित कर दी है, और किसानों को पर्ची पेराई शुरू होने से तीन दिन पहले मिल जाएगी।
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10 प्रतिशत क्षेत्रफल की कमी से मिलों को आपूर्ति का होगा संकट
जागरण संवाददाता, पडरौना। मौसम की मार से पिछली बार के सापेक्ष इस वर्ष लगभग 10 प्रतिशत गन्ने का रकबा घट गया है। पिछली बार 1.54 लाख हेक्टेयर रहा रकबा 96400 हेक्टेयर पहुंच गया है। माना जा रहा है कि लगभग 23 हजार किसानों ने गन्ने की खेती से मुंह मोड़ लिया है।
हालांकि विभाग का मानना है कि जलभराव के कारण रेडराट से फसलें प्रभावित हुई हैं, तो छोटे काश्तकारों को पिछली बार पर्ची समय से मिलने के कारण खेत खाली होने पर गेहूं की बोआई कर दी गई, जिससे रकबे में कमी आई है। संभावना जताई जा रही है कि इस बार गन्ने की कम आपूर्ति मिलने से मिलों के समक्ष संकट खड़ा होगा, क्योेंकि पिछली बार अप्रैल तक पेराई करने वाली मिलों में सेवरही, रामकोला व खड्डा को नो केन में हफ्ते दिन तक बंद करना पड़ा था। इस बार और अधिक संकट का सामना करना पड़ेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में काश्तकारों की संख्या लगभग 2.50 लाख थी।
मिलों में तैयारियां अंतिमदौर में
-जिले की चार चीनी मिलों ने पेराई शुरू करने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। साफ-सफाई से लेकर कल-पुर्जों की मरम्मत पूरी होने के बाद तकनीशियन जांच पड़ताल कर रहे हैं। सीजनल कर्मचारियों को मिलों ने पत्र भेज बुला लिया है।
पिछले सत्र में हुई गन्ने की पेराई
पिछले सत्र में चारों चीनी मिलों ने 253.92 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की थी, जिसमें ढाढा़ बुजुर्ग, रामकोला, सेवरही व खड्डा चीनी मिलें शामिल हैं। इन मिलों पर किसानों की कोई देनदारी नहीं है।
यहां के किसानों को होगी परेशानी
बंद चीनी मिलों में पडरौना, कठकुइयां, लक्ष्मीगंज, छितौनी व रामकोला, कप्तानगंज परिक्षेत्र के गन्ने का आवंटन पिछले बार नजदीकी क्रय केंद्रों से जुड़ा था, हर साल उनका केंद्र बदलता रहता है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
नहीं होगा संशोधन
पेराई शुरू होने के पूर्व किसान घोषणा पत्र आनलाइन कर दें। मिल चालू होने के बाद संशोधन होगा और न ही मिलें गन्ने की आपूर्ति लेंगी।
किसान कर लें खाते की जांच
समितिवार किसान अपने खाते की जांच करते हुए बैंक का खाता व मिलने वाली पर्ची का निरीक्षण कर संतुष्ट हो लें। इसके बाद कोई मौका नहीं मिलेगा।
यह हैं चीनी मिलें व पेराई क्षमता
- खड्डा-1600 टीसीडी (टन क्रश पर डे)
- रामकोला पी-6500 टीसीडी
- सेवरही-5000 टीसीडी
- ढाढा-8000 टीसीडी
जिले की चार चीनी मिलों ने पेराई सत्र शुरू करने की तिथि प्रस्तावित कर दी। पेराई शुरू होने के तीन दिन पहले पर्ची का मैसेज संबंधित किसान को मिल जाएगा। कप्तानगंज मिल के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई होने से मिल नहीं चलेगी।
हुदा सिद्दीकी, जिला गन्ना अधिकारी, कुशीनगर

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