कुशीनगर में नारायणी के तट पर उतरी अंतरिक्ष प्रयोगशाला, 20 मिनट में हुई चार रॉकेट की लॉचिंग
कुशीनगर में नारायणी नदी के किनारे एक अंतरिक्ष प्रयोगशाला उतरी, जिसके बाद केवल 20 मिनट में चार रॉकेट लॉन्च किए गए। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस सफल प्रयोग को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग नदी के तट पर जमा हो गए। इस घटना से पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है और लोगों ने इस अद्भुत दृश्य को अपने फोन में कैद कर लिया।

नारायणी के तट पर उतरी अंतरिक्ष प्रयोगशाला।
जागरण संवाददाता, कुशीनगर। तमकुही के जंगलीपट्टी गांव के समीप नारायणी नदी के तट पर अंतरिक्ष की प्रयोगशाला उतरी तो पांच मिनट के अंतराल पर 20 मिनट में चार रॉकेट प्रक्षेपित हुए। एक किलोग्राम का कैनसेट लेकर 20 किलोग्राम के रॉकेट ने जब आसमान में 700 से 900 मीटर की दूरी तय की तो उत्तर भारत में पहली बार कुशीनगर में होने वाली इन-स्पेस मॉडल राकेट्री-कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 ने आविष्कार, नवाचार का नया अध्याय भी लिखा।
27 से 30 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता के पहले दिन यानी कि सोमवार को दस रॉकेट प्रक्षेपित किए जाने थे, लेकिन तकनीकी परेशानी के चलते छह का प्रक्षेपण नहीं हो सका। ये बाद में प्रक्षेपित किए जाएंगे। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 71 माडल राकेट प्रक्षेपित होंगे।
यह प्रतियोगिता युवाओं को विज्ञान और तकनीक से जोड़ने के लिए ''अमृत प्रयास'' रणनीति का हिस्सा है। प्रतियोगिता में देशभर के 71 विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों की टीमों ने भाग लिया। लगभग 600 छात्र और 120 मेंटर्स शामिल हुए। 36 टीमें कैनसेट और 35 मॉडल राकेट्री श्रेणी में भाग लेंगी।
प्रक्षेपण के लिए एक प्लेटफॉर्म पर पांच लॉचिंग पैड बनाए गए थे। प्रक्षेपण की शुरुआत सुबह सात बजे से होनी थी, लेकिन सिस्टम ठीक करने में देरी के चलते 9 .30 बजे टीम नंबर 28 द्वारा पहला सफल प्रक्षेपण किया गया।
लॉचिंग 9.35 बजे तीसरी 9.46 और चौथी लांचिंग 9.50 मिनट पर हुई। राकेट को आसमान में एक किमी तक की दूरी तय करनी थी, लेकिन सभी राकेट 900 से 700 मीटर के बीच दूरी तय कर सके। पहले दिन मॉडल रॉकेट्री व कैंसेट की टीम ने स्वनिर्मित राकेट का सफल परीक्षण किया। इसमे 8-8 प्रतिभागियों ने अपने गाइड के साथ हिस्सा लिया।
प्रथम दो राकेट की लॉचिंग बेलूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नाेलॉजी तमिलनाडु और भारत इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च चेन्नई द्वारा किया गया। तीसरे रॉकेट की लॉचिंग (प्रक्षेपण) एमआईटी आर्ट एंड डिजाइन टेक्नोलॉजी पुणे और चौथी लांचिंग विद्या ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी तेलंगाना द्वारा की गई।
इन स्पेस के डायरेक्टर प्रमोशन डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि आजादी के बार पहली बार इस क्षेत्र में प्रतिभागियों द्वारा स्वनिर्मित रॉकेट का सफल परीक्षण किया गया है। सोमवार को 10 रॉकेट का परीक्षण होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से छह का परीक्षण नहीं हो सका, कार्यक्रम के दौरान समय मिलने पर इनकी लॉचिंग कराई जाएगी।
इस दौरान सैक इसरो अहमदाबाद के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर इन स्पेस प्रणव प्रकाश सिंह, इन स्पेस के बृजेश कुमार , युधिष्ठिर, अमित सिंह, अनंत मधुकर, इसरो के सतेंद्र सिंह, सतीश मिश्र, गौरव आदि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने देश भर से आए युवा विज्ञानियों का उत्साहवर्धन किया और सफल परीक्षण पर सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कहा कि यह आयोजन इस क्षेत्र के लिए नए अवसरों का द्वार खोलेगा और बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा भरेगा।

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