बदलते मौसम में रहें सावधान नहीं तो हो जाएंगे बीमार, जानिए डॉक्टर क्या दे रहे हैं सलाह
मौसम बदलने के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। तापमान में बदलाव से शरीर कमजोर होता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि बदलते मौसम में सावधान रहें। उचित खानपान, नींद और व्यायाम जरूरी हैं। गर्म कपड़े पहनें, ठंडी चीजों से बचें, पानी खूब पिएं और हाथों को धोएं। बीमार होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

सर्दी-जुकाम की चपेट में आ रहे लोग, सुबह-शाम ठंड का दिखने लगा असर
जागरण संवाददाता, पडरौना। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव का असर छोटे से लेकर बड़ों तक पर दिखने लगा है। इस मौसम में आप सावधान नहीं हुए तो बीमार हो जाएंगे। इधर दिन में धूप व शाम को हल्की ठंड बढ़ने से बुजुर्ग व बच्चे, वायरल, सर्दी-जुकाम व निमोनिया की चपेट में आ रहे हैं। लोग गले के खराश के साथ सांस फूलने की चपेट में आ रहे हैं।
सिरदर्द की शिकायत लेकर आने वाले रोगियों का ब्लड प्रेशर बढ़ा मिल रहा है तो वायरल फीवर के शुगर बढ़े संबंधी मरीज आ रहे हैं। इससे प्रभावितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सोमवार को जिला संयुक्त चिकित्सालय संबद्ध राजकीय मेडिकल कालेज में जागरण टीम ने भ्रमण कर जायजा लिया। ओपीडी में फिजिशियन डा.उपेंद्र चौधरी, डा.अमरेंद्र कुमार सिंह, डा.गजेंद्र शर्मा, डा. एमएच खान आदि रोगियों का परीक्षण करते दिखे।
ओपीडी से लेकर दवा काउंटर पर रोगियों की कतार लगी रही। चिकित्सकों ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब रोगियों की संख्या बढ़ रही है। 1625 रोगियों का परीक्षण करने वाले चिकित्सकों ने बताया कि इस समय मौसम का सेहत पर तेजी से असर पड़ रहा है।
चिकित्सकों ने बताया कि इस समय थोड़ी सी असावधानी से व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। सर्दी, जुकाम के अलावा वायरल फीवर, ब्लड प्रेशर, सांस फूलने वाले रोगियों की संख्या बढ़ रही है। एक अनुमान के अनुसार हर 100 परिवार में आठ से 10 सदस्य सर्दी-जुकाम से प्रभावित हैं। सीएमएस डा.दिलीप कुमार का कहना है कि ठंड के इस मौसम में सतर्क रहने की आवश्यकता है। सुबह-शाम पड़ने वाली ठंड में लापरवाही न बरतें।
कहते हैं विशेषज्ञ
वरिष्ठ फिजिशियन डा. संदीप अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि थोड़ी सी असावधानी से परेशानी खड़ी हो सकती है। नवजात बच्चों के मामलों में और भी सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि धूल से सिकुड़ रही नसें प्रभावित होती हैं। वरिष्ठ फिजिशियन डा. राजीव मिश्र कहते हैं कि इस मौसम में हृदय व अस्थमा के मरीजों को अधिक परेशानी होती है।
वरिष्ठ फिजिशियन डा. अजय कुमार शुक्ल कहते हैं कि शीघ्र थकान व सांस फूलने आदि जैसे लक्षण दिखते ही व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। चेस्ट रोग विशेषज्ञ डा. विकास गुप्ता कहते हैं कि मौसम बदलने से सांस की नलियों में सिकुड़न आने लगती है। इसलिए हर हाल में एलर्जी से बचना चाहिए।

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