UP News: अभाविप के विरोध के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटी सुभासपा, राजभर के बेटे ने दी बयान पर सफाई
बाराबंकी में लाठीचार्ज के बाद मंत्री ओमप्रकाश राजभर के कथित बयान पर विवाद हो गया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर प्रदर्शन किया आरोप लगाया कि मंत्री ने उन्हें गुंडा कहा। अखिलेश यादव ने भाजपा और सहयोगी दलों में दरार बताई। अरविंद राजभर ने सफाई दी कि मंत्री के बयान को गलत समझा गया और विपक्ष बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बाराबंकी लाठीचार्ज प्रकरण में सुभासपा अध्यक्ष एवं पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बयान को लेकर छिड़े विवाद के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गई है।
मंत्री द्वारा खुद को कथित तौर पर गुंडा कहे जाने के विरोध में बुधवार शाम को उनके आवास पर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद कुछ पार्टी नेताओं ने इसकी निंदा की थी। मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच दरार की बात कहकर निशाना साधा था।
इसके बाद राजभर के बेटे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने कहा कि मंत्री के बयान को गलत समझा गया है। अभाविप हमेशा छात्रों के अधिकारों के लिए खड़ी रही है और हमारी पार्टी इसका समर्थन करती है।
सोमवार को अभाविप कार्यकर्ताओं ने बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय परिसर में एक विधि पाठ्यक्रम की संबद्धता न होने के मुद्दे पर प्रदर्शन किया था और पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।
अभाविप कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ओमप्रकाश ने बयान देकर लाठीचार्ज का समर्थन किया और उन्हें गुंडे कहा। कार्यकर्ता उनकी मंत्री पद से बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। गुरुवार को अरविंद ने कहा कि मंत्री ने कभी ‘गुंडा’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
केवल इतना कहा कि ‘जो लोग कानून अपने हाथ में लेंगे, उनसे पुलिस निपटेगी।’ बुधवार के प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने की कहकर निंदा की। कहा कि जो लोग आए थे, उनमें से कई विपक्ष के बहकावे में थे। सपा के कई कार्यकर्ता इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए आंदोलन में शामिल हुए।
सपा प्रमुख की टिप्पणी को लेकर कहा कि वह एनडीए की एकता से परेशान हैं। उन्हें पता है कि एनडीए के साथ जब तक पीडीए के लोग खड़े रहेंगे, सपा सत्ता में नहीं आ सकती। किसी एक शब्द को संदर्भ से बाहर उछालना विपक्ष द्वारा बदनाम करने की चाल है।
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