यूपी में नया कोर्स शुरू करने से पहले लेनी होगी AICTE की मंजूरी, परिषद को देनी होगी ये जानकारी
लखनऊ से खबर है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने नए कोर्स शुरू करने के नियमों में बदलाव किया है। अब विश्वविद्यालयों और संस्थानों को एआईसीटीई से अनुमति लेनी होगी यदि कोर्स का नाम एप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक में नहीं है। 2026-27 सत्र के लिए संस्थानों को 25 सितंबर तक प्रस्ताव जमा करने होंगे। एकेटीयू के कुलपति ने एआईसीटीई मान्यता के महत्व पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यदि कोई विश्वविद्यालय या संस्थान नया कोर्स (शाखा) शुरू करना चाहता है और उसका नाम अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका (एप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक) में दर्ज नहीं है, तो इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। एआईसीटीई ने 2026-27 शैक्षणिक सत्र के लिए अनुमोदन प्रक्रिया से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
परिषद के अनुसार, विश्वविद्यालय या संस्थान को नया कोर्स शुरू करने के लिए अपने कुलसचिव या संबद्ध बोर्ड के निदेशक से अनुमति लेकर विस्तृत पाठ्यक्रम (सिलेबस) और नामांकन की जानकारी परिषद को भेजनी होगी। यह प्रस्ताव 25 सितंबर तक पॉलिसी एंड एकेडमिक प्लानिंग ब्यूरो में जमा करना अनिवार्य है।
परिषद ने सभी संबद्ध विश्वविद्यालयों और संस्थानों से अपील की है कि समय से प्रस्ताव भेज दें, ताकि उन्हें 2026-27 की अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका में शामिल किया जा सके। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि बिना एआईसीटीई की मान्यता के कोई भी तकनीकी कोर्स संचालित नहीं हो सकता।
विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेश के सभी तकनीकी कालेजों की नियमित निगरानी की जाती है और अगर किसी संस्थान की मान्यता संदिग्ध पाई जाती है तो उसकी जानकारी एआईसीटीई से भी भेजी जाती है। विद्यार्थियों को किसी भी तकनीकी कोर्स में प्रवेश लेने से पहले एआईसीटीई की वेबसाइट पर संबंधित संस्थान का सत्यापन अवश्य करना चाहिए।
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