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    जयप्रकाश नारायण का नाम लेकर ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को घेरा, कह दी ये बड़ी बात

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 07:44 PM (IST)

    उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव पर जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण को पाखंड बताया। उन्होंने कहा कि सपा हमेशा से लोकतंत्र विरोधी रही है और कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता की सौदेबाजी कर रही है, जबकि भाजपा जयप्रकाश नारायण की जयंती मना रही है। लालजी प्रसाद निर्मल ने सपा शासन को दलितों के अपमान का प्रतीक बताया, और असीम अरुण ने अखिलेश की जेपी परियोजना को विलासिता का प्रतीक कहा।

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    जयप्रकाश नारायण का नाम लेकर ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को घेरा, कह दी ये बड़ी बात


    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना राजनीतिक पाखंड है। सपा हमेशा से लोकतंत्र विरोधी रही है। जिस कांग्रेस के साथ अखिलेश यादव मंच साझा कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने जयप्रकाश नारायण जैसे लोकतंत्र के प्रहरी को जेल में डाला था। यह वही कांग्रेस है जिसने देश पर आपातकाल थोपकर लोकतंत्र को कुचला था।

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    पाठक ने कहा है कि सपा को लोकतंत्र या संविधान से कोई लेना-देना नहीं, उनका मकसद केवल सुर्खियां बटोरना और सत्ता की कुर्सी पर बैठना है। जयप्रकाश नारायण की जयंती भाजपा पूरे देश में मना रही है, क्योंकि इमरजेंसी के दौरान सबसे अधिक जनसंघ और आरएसएस के कार्यकर्ता जेलों में बंद किए गए थे। कई समाजवादी भी जेल भेजे गए थे, लेकिन सपा आज उन नेताओं के त्याग को भुलाकर कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता की सौदेबाजी कर रही है।

    सपा ने दलितों के सम्मान पर गहरी चोट की

    विधान परिषद सदस्य डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है कि वर्ष 2012 से 2017 तक सपा का शासनकाल दलितों के अपमान, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का प्रतीक था। जिस समय पूरे देश में कांशीराम के नाम से बने संस्थानों को सम्मान दिया जा रहा था, उसी समय सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके नाम को मिटाने का काम किया।

    कांशीराम के नाम से चलने वाली सरकारी योजनाओं के नाम बदल दिए गए। यह कृत्य दलितों के सम्मान पर गहरी चोट थी। अखिलेश जिस कांग्रेस के साथ गलबहियां कर रहे हैं, उसी कांग्रेस ने डा. अंबेडकर का अपमान किया था।

    समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा है कि अखिलेश यादव ने जयप्रकाश नारायण के नाम पर जो परियोजना बनाई थी, वह विलासिता और दिखावे का प्रतीक थी। जयप्रकाश नारायण ने हमेशा सादगी और गरीबों के कल्याण का संदेश दिया। योगी सरकार इस प्रोजेक्ट को वापस ला रही है।