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    यूपी में 24 प्रतिशत महिलाओं को है ये बीमारी, 40% बुजुर्गों की मौत का बनी कारण

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 08:44 PM (IST)

    इंडियन सोसाइटी आफ हिमेटोलाजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन के वार्षिक सम्मेलन में विशेषज्ञों ने एनीमिया पर चर्चा की। बताया गया कि प्रदेश में 24% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। बुजुर्गों में भी यह रोग तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण कई मौतें हो रही हैं। बचाव के लिए पौष्टिक आहार और नियमित जांच की सलाह दी गई है।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। एनीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं या रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से शरीर के सभी अंगों तक आक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इसके लक्षणों में थकान, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और त्वचा का पीलापन प्रमुख रूप से शामिल हैं।

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    एनीमिया के सबसे आम कारण आयरन की कमी है, लेकिन यह विटामिन बी-12 या फोलेट की कमी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकता है। प्रदेश में करीब 24 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। ये जानकारी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के डा. विजय तिलक ने दी। वह गुरुवार को कानपुर रोड के एक होटल में इंडियन सोसाइटी आफ हिमेटोलाजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन (आइएसएचबीटी) के 66वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

    40 प्रतिशत बुजुर्गों की मौत का कारण है एनीमिया
    डा. विजय तिलक के अनुसार, बुजुर्ग भी एनीमिया की चपेट में तेजी से आते हैं। राज्य में कुल करीब 24 प्रतिशत बुजुर्ग भी एनीमिया रोग की गिरफ्त में हैं, जिसमें 40 प्रतिशत की मृत्यु का कारण यही बीमारी है। बुजुर्गों में एनीमिया को लेकर जागरूकता की कमी है। दरअसल, बढ़ती उम्र के कारण लोग खून की कमी की परेशानी को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ज्यादातर बुजुर्गों में एनीमिया की बीमारी आयरन की कमी से होता है। इसके अलावा विटामिन बी-12 और फोलिक एसिड भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। कुछ गंभीर मरीजों में यह कैंसर की भी वजह बन सकता है।

    पौष्टिक आहार से होगा बचाव
    केजीएमयू हिमेटोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा ने बताया कि बुजुर्गों को एनीमिया से बचाने के लिए साल में कम से कम एक बार कंप्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) की जांच जरूर कराना चाहिए। यदि कई बार सामान्य से कम हीमोग्लोबिन हो तो विशेषज्ञ डाक्टर की सलाह लें। एनीमिया से बचाव के लिए आयरन, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड से भरपूर संतुलित आहार लें।

    इसके अलावा विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, ताकि शरीर आयरन को बेहतर ढंग से अवशोषित कर सके। नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और डाक्टर से सलाह लेकर ही कोई सप्लीमेंट लें। वहीं, केजीएमयू की डा. रश्मि कुशवाहा ने बताया कि सम्मेलन में नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ और लैब तकनीशियन के लिए भी विशेष सत्र का आयोजन किया। कार्यक्रम में में पीडियाट्रिक विभाग के डा. निशांत वर्मा, क्वीनमेरी की डा. अमिता पांडेय समेत कई चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहा।