Ayodhya Deepotsav 2025: इस बार और भव्य होगा दीपोत्सव, लेकिन नहीं बनेगा विश्व रिकॉर्ड, ये है बड़ी वजह
अयोध्या में इस बार दीपोत्सव और भव्य होगा पर विश्व रिकॉर्ड नहीं बनेगा। पर्यटन विभाग रिकॉर्ड बनाने की राशि से ड्रोन शो कराएगा। 19 अक्टूबर को आयोजन होगा। 2017 से अब तक सात रिकॉर्ड बने हैं। पिछले साल 2512585 दीये जलाए गए थे। पर्यटन मंत्री ने यह फैसला लिया है अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे।

मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। अयोध्या में पिछले वर्षों से आयोजित किए जा रहे दीपोत्सव को इस बार और भव्य व आकर्षक बनाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन सबसे ज्यादा दीपों को प्रज्वलित करने का विश्व रिकार्ड नहीं बनाया जाएगा।
पर्यटन विभाग पिछले सात वर्षों से लगातार सबसे ज्यादा दीये जलाने का विश्व रिकार्ड बना रहा है और हर वर्ष स्वयं अपने ही रिकार्ड को तोड़ रहा था। नतीजतन इस बात तय किया गया है कि दीये जलाने का विश्व रिकार्ड नहीं बनाया जाएगा। विश्व रिकार्ड बनाने में खर्च होने वाली राशि को बचाकर इसे और आकर्षक बनाने के लिए एक हजार ड्रोन का शो आयोजित किया जाएगा।
अयोध्या में इस बार 19 अक्टूबर को दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद वर्ष 2017 से शुरू किए दीपोत्सव को लेकर अभी तक सात विश्व रिकार्ड बनाए जा चुके हैं।
पिछले वर्ष दो रिकार्ड बनाए गए थे। पहला विश्व रिकार्ड 30 हजार स्वयं सेवकों द्वारा सरयू नदी के 55 घाटों सहित अन्य स्थलों पर सज्जित 25,12,585 दीये प्रज्वलित करके बनाया था, जबकी दूसरा रिकार्ड 1,121 अर्चकों ने एक साथ सरयू पर महाआरती कर बनाया था।
अपने ही पुराने रिकार्ड को तोड़कर गिनीज रिकार्ड बनाने के आवेदन के लिए पांच डालर का शुल्क देना होता है। साथ ही समूह कार्यक्रम को लेकर आयोजकों को निर्णायकों को बुलाने पर 10,000 डालर का व्यवसायिक खर्च करना पड़ता है।
इस संदर्भ में बीते दिनों पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि इस राशि को दीपोत्सव को और भव्य व आकर्षक बनाने पर खर्च किया जाएगा।
हालांकि दीपोत्सव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जल्द होने वाली बैठक में विश्व रिकार्ड को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
पिछले वर्षों में दीपों की संख्या
वर्ष 2017 में एक साथ 1.71 लाख दीप प्रज्वलित किए गए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 3.01 लाख दीप, वर्ष 2019 में 4.04 लाख दीप, वर्ष 2020 में 6.06 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे। इसके बाद वर्ष 2021 में 9.41 लाख दीये, वर्ष 2022 में 15.76 लाख दीये और वर्ष 2023 में 22.23 लाख और वर्ष 2024 में 25,12,585 दीपों का प्रज्वलन किया गया था।
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