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    टाटा को 27 एकड़ जमीन देगी योगी सरकार, कंपनी बनाएगी वर्ल्ड क्लास म्यूजियम, ये होगी खासियत

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 08:54 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में एक विश्वस्तरीय संग्रहालय बनाने जा रही है। इसके लिए टाटा संस को 27 एकड़ अतिरिक्त जमीन दी जाएगी, जिससे संग्रहालय का कुल क ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने रामलला की नगरी अयोध्या में आध्यात्मिक व सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।

    मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में अयोध्या में बनने वाले विश्वस्तरीय संग्रहालय को और भव्य व विशाल बनाने का निर्णय लिया गया है। अब यह संग्रहालय 25 एकड़ के बजाय 52.102 एकड़ भूमि में बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार 27.102 एकड़ भूमि टाटा संस को और प्रदान करेगी।

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    कैबिनेट की बैठक मंगलवार को कुल 21 प्रस्ताव रखे गए इनमें से 20 प्रस्ताव स्वीकृत हो गए। बैठक के बाद निर्णयों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि टाटा समूह समर्थित टाटा ट्रस्ट ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है।

    इसके लिए कंपनी एक्ट 2013 की धारा आठ के तहत एक गैर-लाभकारी एसपीवी बनाया जाएगा, जिसमें भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। परियोजना के लिए 25 एकड़ भूमि 90 वर्षों के लिए एक रुपये वार्षिक धनराशि की दर पर तीन सितंबर 2024 को टाटा संस को सौंपी जा चुकी है।

    टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता के दृष्टिगत अधिक भूमि की अपेक्षा प्रदेश सरकार से की थी। ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और भूमि यानी कुल 52.102 एकड़ भूमि निश्शुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में करने का निर्णय हुआ है। इससे मंदिर संग्रहालय का दायरा और विस्तृत हो जाएगा।

    विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय तैयार होने के बाद अयोध्या को न सिर्फ एक नई सांस्कृतिक पहचान मिलेगी, बल्कि बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा होंगे। साथ ही, बढ़ते पर्यटन से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा।

    युवा पीढ़ी, विदेशी सैलानियों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले आगंतुकों को ध्यान में रखते हुए अयोध्या में सांस्कृतिक आकर्षणों को बढाने की दिशा में यह संग्रहालय महत्वपूर्ण होगा। इसमें भारतीय संस्कृति, सभ्यता, पुरातन मंदिर कला और ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया जाएगा।