नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच फंसा आरोग्य मंदिरों का बजट, एनएचएम ने जुलाई में ही भेजी थी गाइडलाइन
उत्तर प्रदेश के 1160 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का बजट जारी नहीं हो पा रहा है, क्योंकि नगरी विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय नहीं है। 15वें वि ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के 1160 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के संचालन का बजट नगरी विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय न होने के कारण जारी नहीं हो पा रहा है। 15वें वित्त आयोग से अरबन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कंपोनेंट से 220 करोड़ रुपये निकायों के खातों में भेज गया है। इसके बावजूद पांच महीने से आरोग्य मंदिरों के किराए और बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएमअभीम) के तहत 1,687 अरबन आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वीकृत हैं। इनमें से 1160 आरोग्य मंदिर के लिए 220 करोड़ रुपये निकायों को जारी किया गया था। जिससे इनके संचालन को सुचारु रूप से जारी रखा जा सके।
इसके बावजूद संचालन के लिए जरूरी धनराश जारी नहीं हो पा रही है। नगर विकास विभाग के सहायक निदेशक लेखा अखिल सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को पत्र लिखकर आवंटित धनराशि किस खाते में ट्रांसफर करें, इसकी जानकारी मांगी गई है। जैसे ही वहां से गाइड लाइन आ जाएगी धनराशि संबंधित खातों में भेजनी शुरू कर दी जाएगी।
वहीं, एनएचएम के महाप्रबंधक सामुदायिक स्वास्थ्य डॉ. सूर्यांश ओझा का कहना है को जुलाई में ही धनराशि भेजने के लिए जरूरी गाइड लाइन भेज दी गई थी। इसमें बताया गया था कि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का संचालन जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से होता है, जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। इस समिति के खातों में जरूरी धनराशि भेजी जा सकती है।
दूसरा विकल्प ये दिया गया था कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के माध्यम से निकाय सीधे बिल लेकर संबंधित खातों में भेज सकते हैं। इसके बावजूद बजट जारी करने में देरी हो रही है।

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