‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के लिए यूपी में फिर माहौल बनाएगी भाजपा, छात्रनेता सम्मेलन से होगी अभियान की शुरुआत
भाजपा ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के लिए फिर से माहौल बनाने जा रही है। इसकी शुरुआत लखनऊ में छात्र सम्मेलन से होगी। इसके बाद छात्र संसद युवा संसद किसान चौपाल और पूर्व सैनिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। भाजपा का तर्क है कि इससे सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा। छात्रों को इस अभियान में प्रमुख भागीदार बनाया जाएगा। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र संसद का आयोजन होगा।

शोभित श्रीवास्तव/राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के लिए भाजपा प्रदेश में एक बार फिर माहौल बनाने जा रही है। इसे आमजन का मुद्दा बनाने के लिए सितंबर माह से अभियान की शुरुआत होगी। सबसे पहले राजधानी लखनऊ में प्रदेश भर के छात्रनेताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन सितंबर के पहले सप्ताह में होगा। इसके बाद छात्र संसद, युवा संसद, किसान चौपाल, पूर्व सैनिक सम्मेलन, महिलाओं, व्यवसायियों, स्वयंसेवी संस्थाओं व रिटायर अधिकारियों के सम्मेलन कर इसके फायदे बताए जाएंगे।
इससे पहले अप्रैल माह में भी पार्टी ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रदेशस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया था। अब पार्टी समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच इस मुद्दे को लेकर सम्मेलन आयोजित करेगी। भाजपा इन सम्मेलनों के जरिए जनता को एक राष्ट्र-एक चुनाव के फायदे गिनाएगी। यह भी तर्क दिया जाएगा कि बार-बार चुनाव से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है और प्रशासन के लगातार चुनावी प्रक्रिया में रहने के कारण विकास कार्य प्रभावित होते हैं। एक साथ चुनाव से समय, धन और संसाधनों की बचत होगी।
अभियान के सह-संयोजक और विधान परिषद सदस्य अनूप गुप्ता ने बताया कि एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाने का प्रयास किया जाएगा। एक साथ लोक सभा और विधान सभा चुनाव कराने से न केवल देश का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि संसाधनों की भी बचत होगी। सबसे बड़ी बात यह कि जनता को बार-बार चुनावी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। छात्र और युवा किसी भी विचारधारा के सबसे तेज प्रसारक होते हैं, इसलिए भाजपा ने तय किया है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव अभियान में उन्हें प्रमुख भागीदार बनाया जाए। सम्मेलन में छात्र नेताओं के साथ शिक्षाविद् और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे, जो इस प्रणाली के फायदे और व्यावहारिक स्वरूप पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
भाजपा ने इस अभियान को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालयों, कालेजों व संस्थानों में छात्र संसद एक से 30 सितंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। युवा संसद का आयोजन एक से 15 नवंबर के बीच होगा। उन्होंने दावा किया कि जनता में इस मुद्दे को लेकर सकारात्मक माहौल है और भाजपा इस जनसमर्थन को संगठित रूप देने का काम करेगी। भाजपा का मानना है कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से लोकतांत्रिक प्रक्रिया और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जनहितकारी साबित होगी।
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