रबी में बढ़ाई जाएगी हर फसल की उत्पादकता, इस बार क्या है कृषि विभाग की नई रणनीति?
लखनऊ में कृषि विभाग दलहन-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए प्रयासरत है। इस बार फसलों का रकबा और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर है, जिसमें गेहूं की उत्पादकता में विशेष वृद्धि का लक्ष्य है। किसानों को खाद, बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। रबी फसलों के उत्पादन को 500.137 लाख टन तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जिसके लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जाएगा और किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। दलहन-तिहलन के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा कृषि विभाग इस बार इन फसलों का रकबा बढ़ाने के साथ उत्पादकता बढ़ाने को को भी पसीना बहाएगा। दलहनी और तिलहनी फसलों की उत्पादकता में आधा क्विंटल लेकर तीन क्विंटल प्रति हैक्टेयर से अधिक तक की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
इनके साथ गेहूं की उत्पादकता में सबसे अधिक साढ़े तीन क्विंटल प्रति हैक्टेयर की बढ़ोतरी हासिल करने की कोशिश की जाएगी, जिससे रकबा कम होने की स्थिति में भी पिछले सीजन के मुकाबले अधिक उत्पादन मिल सके। इसके लिए किसानों को खाद, बीज आदि की समय पर पर्याप्त उपलब्धता के साथ अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराने की रणनीति तैयार की गई है।
कृषि विभाग ने इस बार रबी में फसलो उत्पादन की कार्ययोजना में तिलहनी फसलों के रकबे में 25.70 और दलहनी फसलों के रकबे को 15.27 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। वहीं गेहूं के रकबे में बीते साल के मुकाबले 7.455 लाख हेक्टेयर कम क्षेत्रफल में बोआइ का लक्ष्य है। इसके साथ ही उत्पादन को बढ़ाने की योजना है।
पिछले साल रबी में कुल उत्पादन 479.618 लाख टन हुआ था, चालू सीजन में इसे बढ़ाकर 500.137 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए सभी फसलों की उत्पादकता बढ़ाई जानी है। इसके लिए विभाग लगातार किसानों को नई कृषि तकनीकों की जानकारी दे रहा है।
विभिन्न फसलों के बीजों की 10 लाख से अधिक मिनी किट का वितरण किया जाएगा। किसानाें को बीजों अनुदान दिया जा रहा है। विभाग की पहली कोशिश प्रामाणिक और बेहतर बीज उपलब्ध कराना और शोधन के बाद बोआई कराना है। फसल सघनता में वृद्धि के साथ सिंचाई-जल उपयोग की क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
फसलों को रोग-कीट से बचाने के लिए समय पर उपयुक्त दवाओं के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित किए जाएगा। इसके लिए समय-समय पर अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ किसानों के संवाद के कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।
कृषि निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि फसलों का उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। रबी सीजन में इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक उत्पादकता और उत्पादन हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
| फसल | उत्पादकता 2024-25 | लक्ष्य 2025-26 | बढ़ोतरी |
|---|---|---|---|
| गेहूं | 41.16 | 44.65 | 3.49 |
| जौ | 35.75 | 36.50 | 0.75 |
| मक्का | 28.89 | 32 | 3.11 |
| चना | 15.01 | 16.20 | 1.19 |
| मटर | 17.70 | 18.20 | 1.49 |
| मसूर | 11.21 | 12.70 | 1.49 |
| राई-सरसों | 15.42 | 17.30 | 1.48 |
| अलसी | 8.21 | 11 | 2.79 |
| तोरिया | 15.04 | 15.50 | 0.46 |
उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य (लाख टन में)
| फसल | उत्पादन 2024-25 | लक्ष्य 2025-26 |
|---|---|---|
| गेहूं | 422.450 | 425 |
| जौ | 6.324 | 7.300 |
| मक्का | 0.858 | 1.152 |
| चना | 8.956 | 11.178 |
| मटर | 5.679 | 7.280 |
| मसूर | 6.769 | 8.433 |
| राई-सरसों | 21.194 | 31.538 |
| अलसी | 0.345 | 0.506 |
| तोरिया | 7.043 | 7.750 |

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