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    CBSE New Rules: सीबीएसई ने जारी किया नया नियम, इन छात्रों को नहीं मिलेगी मार्कशीट, स्कूल की होगी जिम्मेदारी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:31 AM (IST)

    सीबीएसई ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि छात्रों की 75% उपस्थिति अनिवार्य है। कम उपस्थिति होने पर आंतरिक मूल्यांकन और परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे। यह नियम उन छात्रों के लिए चुनौती है जो केवल ट्यूशन पर निर्भर रहते हैं। स्कूलों को सीबीएसई की अनुमति के बिना नया विषय पढ़ाने की अनुमति नहीं है। यह कदम शिक्षा में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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    उपस्थिति में नहीं चलेगी ढिलाई, सीबीएसई स्कूलों में बढ़ेगी सख्ती

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है, लेकिन कुछ स्कूलों में कम उपस्थिति की शिकायत को देखते हुए बोर्ड ने साफ किया है कि बिना स्कूल गए न तो आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) होगा और न ही रिजल्ट घोषित किया जाएगा।

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    स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम न हो। इसके साथ ही स्कूल बिना सीबीएसई की अनुमति के कोई नया विषय नहीं पढ़ा पाएंगे। छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन को सही और समय पर पूरा करना स्कूलों की जिम्मेदारी होगी।

    नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) दो वर्ष तक होता है। यदि छात्र स्कूल नहीं आते तो उनका आंतरिक मूल्यांकन संभव नहीं होगा और परिणाम जारी नहीं किया जाएगा।

    सोमवार को जारी हुआ नोटिस

    सोमवार को सीबीएसई की ओर से जारी नोटिस में बताया गया है कि कक्षा 10वीं के लिए कक्षा 9 और 10 व कक्षा 12वीं के लिए कक्षा 11 और 12 में पढ़ाई पूरी करनी होगी। कक्षा 10 में छात्र पांच अनिवार्य विषयों के अलावा अधिकतम दो अतिरिक्त विषय और कक्षा 12 में केवल एक अतिरिक्त विषय ले सकते हैं।

    सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक डा. संयम भारद्वाज ने कहा है कि ये नियम छात्र और स्कूल दोनों पर समान रूप से लागू होंगे और किसी भी स्थिति में इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इस बदलाव से जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है, उन्हें परीक्षा देने से रोका जा सकता है।

    सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय कांप्लेक्स की संयुक्त सचिव डा. प्रेरणा मित्रा का कहना है कि 75 प्रतिशत उपस्थिति को लेकर पहले से नियम है। सख्ती से स्कूली शिक्षा में सुधार लाएगा। जो बच्चे प्रवेश लेने के बाद स्कूल न जाकर ट्यूशन जाते थे, उस पर रोक लगेगी।