Kasganj Chandan Gupta Murder Case : कासगंज के चंदन गुप्ता की हत्या में सजा काट रहे सलीम की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत
Kasganj Chandan Gupta Murder Case कासगंज में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा और पथराव के बाद चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले के सलीम जिला कारागार लखनऊ गोसाईगंज में आजीवन कारावास की काट रहा था। सलीम का एक महीने से लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के बाद केजीएमयू में इलाज चल रहा था।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : कासगंज के चंदन गुप्ता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा के तहत लखनऊ जेल में बंद सलीम की बुधवार को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। जिला कारागार, लखनऊ प्रशासन ने इसकी सूचना दी है। चंदन हत्याकांड के मुख्य आरोपी सलीम की मौत के बाद यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
कासगंज शहर में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा और पथराव के बाद चंदन गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले के सलीम जिला कारागार, लखनऊ गोसाईगंज में आजीवन कारावास की काट रहा था। सलीम का एक महीने से लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के बाद केजीएमयू में इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान केजीएमयू में उसकी मौत हो गई।
सलीम का किडनी रोग का इलाज चल रहा था। कासगंज निवासी सलीम पुत्र बरकतउल्ला, उम्र 48 वर्ष चंदन हत्याकांड के साथ ही कई अन्य मामलों में भी नामजद था। विभिन्न धाराओं में अभियुक्त के रूप में निरुद्ध सलीम की तबीयत खराब होने पर उसे जेल के चिकित्सक ने 30 जुलाई को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बलरामपुर लखनऊ भेजा था।
जहां से 16 अगस्त को उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ रेफर किया गया था। वहां पर उसको भर्ती कराया गया और इलाज चल रहा था। चिकित्सकों के आवश्यक उपचार प्रदान करने के बावजूद सलीम की स्थिति में सुधार नहीं हुआ। 26 अगस्त की रात को उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु की सूचना जेल प्रशासन ने तत्काल संबंधित अधिकारियों और सलीम के परिवारीजन को दे दी।
कासगंज में 26 जनवरी 2018 को निकाली गई थी तिरंगा यात्रा
कासगंज शहर में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा निकाली गई थी। यात्रा का नेतृत्व अभिषेक गुप्ता उर्फ चंदन गुप्ता के हाथों में था, उसी दौरान दो समुदायों के बीच विवाद हो गया और दंगा भडक गया था। दंगे में चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। चंदन गुप्ता का अंतिम संस्कार भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया गया था। इस घटना के बाद सात दिनों तक शहर आग से सुलगता रहा था। इस मामले में लखनऊ स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया था। सबूतों के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया गया था और 28 को दोषी ठहराया गया था। सभी आरोपी लखनऊ जेल में सजा काट रहे हैं।
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