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    महाकुंभ भगदड़ पर कांग्रेस ने फिर सरकार को घेरा, अजय राय बोले- मृतकों और लापता लोगों की सूची जारी हो

    Updated: Tue, 25 Mar 2025 05:00 PM (IST)

    कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों को नकद पांच-पांच लाख रुपये बांटे जाने के मामले में सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल और झारखंड में पुलिस के माध्यम से ऐसे लोगों को नकद रुपये दिए जा रहे हैं जिनके मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए हैं। राय ने मृतकों की सूची तत्काल जारी करने की मांग की है।

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    लखनऊ में प्रदेश मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते अजय राय। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों को नकद पांच-पांच लाख रुपये बांटे जाने का मामला उठाया। प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि पश्चिम बंगाल व झारखंड में पुलिस के माध्यम से ऐसे लोगों को नकद रुपये दिए जा रहे हैं, जिनके मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गए।

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    जिला प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों के बजाय पुलिस के जरिये रकम बटवाई जा रही है। राय ने मृतकों व भगदड़ में लापता लोगों की सूची तत्काल जारी किये जाने की मांग की। कहा कि यह साबित होता है कि भगदड़ में अधिक श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। आरोप लगाया कि सरकार हर मामले में झूठे आंकड़ों का सहारा लेती है।

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    इससे पहले भी कांग्रेस ने सरकार को घेरा था

    बता दें कि महाकुंभ 2025 भगदड़ को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेर रही है। भगदड़ में घायल व लापता लोगों की सूची जारी किए जाने को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद कांग्रेस ने बीते सात फरवरी को इस मुद्दे को फिर से उठाया था।

    अजय का था आरोप- एसआई की मौत को सरकार नकार रही

    प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) ने कहा था कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में सरकार ने 30 लोगों की मृत्यु स्वीकार की है। आरोप लगाया था कि भगदड़ में ही पुलिस उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की भी मौत हुई थी, जिसे पुलिस नकार रही है।

    कहा था कि कुंभ मेला पुलिस ने पांच फरवरी को एक्स पर लिखा था कि उपनिरीक्षक की मौत भगदड़ में नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई। उप निरीक्षक की मौत 30 जनवरी को होने की बात कही। जबकि पुलिस की जीडी (जनरल डायरी) में उप निरीक्षक की मौत 29 जनवरी की दोपहर 12.30 बजे होने की बात दर्ज है। जब सरकार अपने ही उपनिरीक्षक की मौत को दबा रही है तो आम आदमी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्पष्ट है कि भगदड़ में बड़ी संख्या में मौत हुई थीं। घटना में घायल व लापता लोगों की सूची जारी किये जाने की मांग दोहराई।

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