दवा के नाम पर नशे का कारोबार, तस्करी से बांग्लादेश भेजी गई 300 करोड़ की कफ सीरप
Smuggling of Cough Syrups From UP: एसटीएफ की तरफ से अमेरिका की एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी को दूसरी नोटिस गुरुवार को जारी की गई। एसटीएफ इस बात की जांच कर रही है कि कहीं दवा कंपनी के अफसरों का संपर्क तो तस्करी के इस नेटवर्क से नहीं है।

नेटवर्क अब तक करीब तीन सौ करोड़ की कफ सीरप अवैध तरीके से बांग्लादेश भेज चुका
आयुष्मान पाण्डेय, जागरण, लखनऊ: भारत से तस्करी कर बांग्लादेश भेजी जा रही कफ सीरप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर दवा के बजाए नशे के लिए किया जा रहा है। यह नेटवर्क अब तक करीब तीन सौ करोड़ की कफ सीरप अवैध तरीके से बांग्लादेश भेज चुका है।
तस्करी के इस नेटवर्क की जड़ें देश भर में फैली हैं, जिनमें दवा कंपनी के अधिकारियों से लेकर कई कारोबारी भी शामिल हैं। मामले की जांच कर रही एसटीएफ को आशंका है कि तस्करी का यह नेटवर्क और बड़ा हो सकता है। बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर फेंसेडिल कफ सीरप व कोडीन युक्त दवाओं का प्रयोग नशे के लिए किया जा रहा है।
भारत से यह बार्डर पार करके भेजी जा रही है। बीते दिनों एसटीएफ ने इस तस्करी से जुड़े चार लोगों की सहारनपुर से गिरफ्तारी की तो नशे के इस काले कारोबार का खुलासा हुआ। इस मामले में एसटीएफ की तरफ से अमेरिका की एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी को दूसरी नोटिस गुरुवार को जारी की गई। एसटीएफ इस बात की जांच कर रही है कि कहीं दवा कंपनी के अफसरों का संपर्क तो तस्करी के इस नेटवर्क से नहीं है।
एसटीएफ सूत्र बताते हैं कि कफ सीरप और अन्य दवाओं का देश में भंडारण किया जाता है और फिर ये दवाएं आसपास के देशों में सप्लाई होती हैं। सबसे ज्यादा खपत बंग्लादेश में हो रही है। इसमें एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। अब तक की जांच में सामने आया कि बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश और दूसरे देशों को ये दवा पहुंचाई जा रही है।
आठ अप्रैल 2024 को यूपी एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने सुशांत गोल्फ सिटी के अहिमामऊ से ट्रक चालक धर्मेंद्र कुमार निवासी मौरावां उन्नाव को गिरफ्तार किया था। ट्रक से 52 पेटी सीरप और अन्य सामान बरामद किया गया था। आरोपितों ने बताया था कि बरामद माल पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था जहां से बांग्लादेश भेजा जाना था।
एसटीएफ ने दिसंबर में पत्र लिखकर इसकी सप्लाई बंद करने के लिए कहा था। इस मामले में विभोर राणा, उसका भाई विशाल सिंह निवासी शास्त्रीनगर सदर बाजार सहारनपुर को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
जिसके बाद एसटीएफ ने सहारनपुर में छापेमारी कर विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्टू कुमार और उसके भाई सचिन कुमार निवासी अनमोल विहार कालोनी सहारनपुर हाल पता अब्दुल्ला नगर देवबंद को गिरफ्तार किया था। विभोर राणा व विशाल सिंह ने बताया था कि वर्ष 2018 में उनकी फर्म जीआर ट्रेडिंग सहारनपुर के नाम पर दवा कंपनी से डीलरशिप ली थी।
परिचितों के नाम पर ड्रग लाइसेंस बनवाए और फर्जी फर्म बनाकर कागजों में ही खरीद फरोख्त दिखाकर बांग्लादेश भेज रहे थे। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक लाल प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है।

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