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    Cough Syrup Advisory: डॉक्टर के पर्चे पर ही कफ सिरप बेच सकेंगे दवा दुकानदार, रसायन की भी होगी जांच

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में कफ सिरप के उत्पादन से पहले इस्तेमाल होने वाले रसायनों की जाँच होगी। औषधि निरीक्षक कंपनियों से नमूने लेंगे। बच्चों के कफ सिरप अब केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही मिलेंगे। सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की घटनाओं के बाद सतर्कता बरती है। मिलावट मिलने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और पुरानी दवाओं को एक्सपायरी देखकर खाने की सलाह दी गई है।

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    कफ सिरप में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन की भी होगी जांच

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में कफ सिरप के निर्माण से पहले ही उसमें मिलाए जाने वाले रसायनों की भी जांच होगी। औषधि निरीक्षक दवा निर्माता कंपनी में जाकर इनके नमूने लेंगे। आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) रोशन जैकब ने सभी औषधि निरीक्षकों को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।

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    इसके अलावा दवा की दुकानों पर बच्चों के कफ सिरप अब डाक्टर के पर्चे पर ही मिलेंगे। दवा दुकानदारों को बताया जाएगा कि वो बिना पर्चे के बच्चों के कफ सिरप न बेचें।

    लोगों को वैध लाइसेंस वाले मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदने, बिक्री की रसीद लेने, बैच नंबर और दवा की एक्सपायरी डेट जांचने के बारे में भी जागरूक करने के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने को कहा गया है।

    राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद सरकार ने सावधानी बरतते हुए कफ सिरप की बिक्री, दवाओं के निर्माण और बिक्री पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में आयुक्त ने मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दवा निर्माता फर्म का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए।

    दवाओं में मिलाए जाने वाले तत्वों के नमूने लेकर जांच कराई जाए। ये भी कहा गया है कि दवा निर्माता इन तत्वों को कहां से खरीद रहे हैं और वे मानक के अनुसार हैं या नहीं, इसकी भी जांच की जाए। खासतौर से कफ सिरप के नमूने लेकर उसमें डाइथिलीन ग्लाइकाल की मिलावट की जांच भी की जाए।

    दवाओं में मिलावट पाए जाने पर दोषी व्यक्तियों/फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दवाओं में मिलावट, फर्जी नाम या पते पर उसका उत्पादन या बिक्री करते पाए जाने पर भी दोषी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

    दवा दुकानों के साथ ही अस्पतालों में भी दवाओं की जांच औषधि निरीक्षक करेंगे। इसके अलावा लोगों को घर में रखी खांसी-बुखार की पुरानी दवाओं को भी उसकी एक्सपायरी डेट देखकर ही खाने की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।