Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: फसल बीमा में बैंकों की लापरवाही, किसानों को हो रहा नुकसान, कृषि विभाग ने मांगी रिपोर्ट

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:25 AM (IST)

    बैंकों द्वारा फसल बीमा में लापरवाही बरती जा रही है जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। कृषि विभाग ने इस मामले में सूर्य प्रताप शाही को रिपोर्ट भेजी है और स्पष्टीकरण मांगा है। खरीफ सीजन में किसान क्रेडिट कार्ड धारकों में से केवल कुछ प्रतिशत का ही बीमा हुआ है जिससे सरकार की फसल बीमा योजना पर सवाल उठ रहे हैं। बैंकों से जवाब तलब किया गया है।

    Hero Image
    1.06 करोड़ केसीसी खाते, बीमा सिर्फ 20.55 लाख का

    दिलीप शर्मा, लखनऊ। प्राकृतिक आपदाओं और अन्य कारणों से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा का दायरा बढ़ाने को केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक पसीना बहा रही हैं, परंतु बैंकों ने इस कोशिश को पलीता लगा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खरीफ सीजन में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) खाताधारक 1.06 करोड़ किसानों में से अभी 20.55 लाख का ही बीमा हुआ है। इनमें को-आपरेटिव बैंकों के 15.64 लाख केसीसी धारकों में से केवल 84 हजार किसान शामिल है। अन्य बैंकों में भी कमोबेश यही स्थिति है। जिसके बाद बैंकों से इसको लेकर आख्या मांगी गई है।

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिछले खरीफ सीजन में प्रदेश के 15,32,175 किसान जुड़े थे। इस बार अब तक कुल 21,18,448 (इनमें केसीसी धारक 20,55,430 शामिल हैं) किसानों को बीमा योजना जोड़ा गया है।

    आंकड़ा जरूर पिछले सीजन के मुकाबले अधिक है, परंतु विभिन्न बैंकों में केसीसी खाता धारक किसानों की संख्या के मुकाबले बहुत कम है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 27 बैंकों में से 11 बैंकों में केसीसी खातों की संख्या तीन लाख से अधिक है, परंतु उनके मुकाबले बीमा कराने का प्रतिशत औसतन 50-60 प्रतिशत ही है।

    अन्य बैंकों मे प्रतिशत यही, हालांकि वहां खाता धारकों की कुल संख्या कम है। हालांकि कुल खातों में में से 31.41 लाख केसीसी खाते पात्रता की श्रेणी नहीं हैं। इनके धारकों ने बीमा योजना के तहत खुद को आप्ट आउट (योजना से अलग होगा) कर लिया है।

    कृषि विभाग की निदेशक सांख्यिकी सुमिता सिंह ने बताया कि भारत सरकार के पोर्टल पर बैंक अभी डाटा अपडेट कर रही हैं, इसकी अंतिम तिथि 14 सितंबर थी। इसके चलते आंकड़ों में थोड़ा-बहुत बदलाव हो सकता है, परंतु स्थिति लगभग यही रहेगी।

    विभाग के अनुसार, बैंकों द्वारा किसानों को योजना की जानकारी देने और बीमा का लाभ लेने के लिए प्रेरित करने में रुचि नहीं ली जा रहा है। मामले में कृषि मंत्री को रिपोर्ट दी गई है। जिसके बाद सभी बैंकों से प्रतिशत कम रहने को लेकर आख्या मांगी गई है।

    साथ में रबी सीजन में सभी पात्र किसानों का बीमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में उप्र कोआपरेटिव बैंक के महाप्रबंधक आरके कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऐच्छिक है। इस बार पिछले सीजन के मुकाबले अधिक किसानों को जोड़ा गया है, रबी सीजन में इसमें और सुधार का प्रयास किया जाएगा।

    प्रमुख बैंकों का हाल

    बैंक केएसीसी धारक बीमित किसान
    बड़ौदा उप्र ग्रामीण बैंक 17,76,991 5,50,385
    उप्र कोआपरेटिव बैंक 15,64,019 84,244
    आर्यवर्त बैंक 14,10,612 5,14,511
    पंजाब नेशनल बैंक 8,86,443 1,68,137
    प्रथमा उप्र ग्रामीण बैंक 7,28,160 1,31,239
    स्टेट बैंक आफ इंडिया 7,23,369 2,12,763
    कुल योग 70,89,594 16,61,279

    यह भी पढ़ें- रोटी-पनीर, बच्चों के ट्यूशन से महंगी दवाओं तक... 22 सितंबर से 15 तरह के इन सामानों पर नहीं लगेगा GST; देखें लिस्ट