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    Digital Arrest: सीबीआई अफसर बनकर बाप-बेटे से ठगे 1.29 करोड़, सात दिन रखा डिजिटल अरेस्ट

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:59 PM (IST)

    लखनऊ के सरोजनी नगर में एक सेवानिवृत्त मर्चेंट नेवी अफसर और उनके 100 वर्षीय पिता को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 1.29 करोड़ रुपये का चूना लगाया। आरोपियों ने सीबीआई अफसर बनकर मनी लांड्रिंग का झूठा आरोप लगाया और गिरफ्तारी का डर दिखाकर खाते से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस साइबर क्राइम टीम की मदद से मामले की जांच कर रही है।

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    सीबीआइ अफसर बनकर बाप-बेटे से ठगे 1.29 करोड़

    जागरण टीम, लखनऊ। सरोजनी नगर निवासी सेवानिवृत्त मर्चेंट नेवी अफसर और उनके 100 वर्षीय पिता को सात दिन डिजिटल अरेस्ट कर जालसाजों ने 1. 29 करोड़ रुपये ठग लिए। डराने के लिए जालसाजों ने एक जाली वारंट भी भेजा था। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने सरोजनी नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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    सैनिक हाउसिंग सोसायटी निवासी सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पिता हरदेव सिंह की उम्र करीब 100 वर्ष के आस पास है। 20 अगस्त को हरदेव सिंह के मोबाइल पर आलोक सिंह नाम के व्यक्ति ने सीबीआई अफसर बनकर फोन कर मनी लांड्रिंग करने के आरोप लगाए।

    अरेस्ट वारंट जारी होने की बात कहते हुए व्हाट्सएप पर एक जाली वारंट भी भेजा। इसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनके बैंक आफ इंडिया का खाता संख्या व अन्य सूचनाएं ले ली। पीड़ित-पुत्र का संयुक्त खाता बैंक आफ इंडिया सरोजनीनगर में है।

    शाम को जब सुरेंद्र घर पहुंचे तो हरदेव ने उन्हें मामले की जानकारी दी। गिरफ्तारी से बचाने का झांसा देते हुए जालसाजों ने तीन बार में अलग-अलग तारीखों पर पीड़ितों के खाते से कुल 1.29 करोड़ रूपये ट्रांसफर करा लिए।

    इसके बावजूद उनकी मांग कम नहीं हुई। पीड़ितों ने और रकम देने में असमर्थता जताई। ठगी के बाद जालसाजों ने अपने नंबर बंद कर लिए। ठगी का एहसास होने पर सुरेंद्र ने मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर राजदेव राम प्रजापति ने बताया कि साइबर क्राइम टीम की मदद से जालसाजों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    मकान बेचने के नाम पर ठगे 63 लाख

    गोमती नगर में व्यवसायी से मकान बेचने के नाम पर 63 लाख रुपये ठग लिए गए। पीड़ित ने अपने परिचित और उसके मां-बाप पर मुकदमा दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर ब्रजेश चंद्र तिवारी के मुताबिक, विराटखंड तीन निवासी विवेक वर्मा से विजयखंड निवासी परिचित मुकेश सिंह ने मकान बेचने के लिए कहा था।

    इसके बाद मुकेश ने अपने पिता और मां से भी मुलाकात कराई। मकान का सौदा 95 लाख रुपये में तय हुआ। पीड़ित ने जालसाजों को 63 लाख रुपये एडवांस भी दे दिए लेकिन मकान की रजिस्ट्री नहीं की गई। विरोध पर जान से मारने की धमकी दी गई। इसी के आधार पर गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।