UP News: दस्ताने, मास्क व शूकैप पहनकर गंभीर अपराधों की जांच करेगी पुलिस, एसओपी जारी
डीजीपी राजीव कृष्ण ने गंभीर अपराधों की जांच के लिए एसओपी जारी की है। पुलिसकर्मी दस्ताने मास्क और शूकैप पहनकर ही घटनास्थल पर प्रवेश कर सकेंगे। अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। फारेंसिक साक्ष्य जुटाने के बाद घटनास्थल को सील किया जाएगा। सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध गंभीर माने जाएंगे। थाना प्रभारी फारेंसिक टीम को बुलाएंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गंभीर अपराधों की जांच के लिए पुलिसकर्मी अब घटनास्थल पर दस्ताने, मास्क व शूकैप (जूता कवर) पहन कर ही प्रवेश कर सकेंगे। डीजीपी राजीव कृष्ण ने गंभीर अपराधों की जांच को लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओओपी) जारी की है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि घटनास्थल पर अनाधिकृत लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए और फारेंसिक साक्ष्य जुटाने के बाद घटनास्थल को पूरी तरह से सील किया जाए। घटना स्थल पर प्रवेश व निकासी के लिए एक ही मार्ग बनाया जाए।
डीजीपी ने यह भी स्पष्ट किया है कि सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। घटना से संबंधित थाना प्रभारी फारेंसिक जांच के लिए टीम बुलाएंगे। उससे पहले घटनास्थल को सुरक्षित किया जाएगा।
फारेंसिक टीम साक्ष्यों को जुटाने के साथ-साथ घटनास्थल की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी भी करेगी। उन्होंने फोटो व वीडियो बनाने को लेकर भी स्पष्ट किया है कि छोटे-छोटे से साक्ष्यों की भी फोटो व वीडियो बनाई जाए।
डीएनए स्वैब, फ्रिंगर प्रिंट व फुट प्रिंट को संकलित करने की किट फारेंसिक टीम के पास होनी चाहिए। घटना स्थल पर किसी भी वस्तु दस्ताना पहने बिना नहीं छूना है। घटना स्थल को वर्षा, घूप व भीड़ से सुरक्षित करें।
मोबाइल व लैपटाप के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करनी है। जैविक साक्ष्यों को प्लास्टिक के बैग में रखें। घटनास्थल की जांच के बाद सभी साक्ष्यों की सूची तैयार करें। डीजीपी ने गंभीर अपराधों की जांच के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों का उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया है।
इसके अनुसार, थाना प्रभारी अपराध स्थल को सुरक्षित करेंगे। साथ ही फारेंसिक टीम को बुलाएंगे। प्रारंभिक जांच करेंगे। डीएसपी, एसपी व एसएसपी को एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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