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    Hello Doctor Dainik Jagran: डायबिटीज के साथ 'साइलेंट बीपी' से युवा पीढ़ी में बढ़ रहे दिल के दौरे

    By Vikash Mishra Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 13 Nov 2025 04:31 PM (IST)

    Hello Doctor Dainik Jagran Lucknow: डायबिटीज के साथ साइलेंट बीपी से युवा पीढ़ी में दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं। इनमें 25-40 साल की उम्र के मरीज शामिल हैं। पिछले यही कारण है कि पिछले दो-तीन वर्ष में कम उम्र में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें चर्चा में हैं। इसके लिए कुछ हद तक कोरोना संक्रमण भी जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में लाइफ स्टाइल डिजीज वजह है।

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    लोहिया संस्थान में कार्डियोलाजी के विभागाध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र तिवारी 

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: डायबिटीज और ब्लड प्रेशर अब पुरानी पीढ़ी की ही बीमारी नहीं रही, बल्कि बड़ी संख्या में युवा भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। इसकी प्रमुख वजह खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव और शारीरिक निष्क्रियता है।

    लोहिया संस्थान में कार्डियोलाजी के विभागाध्यक्ष प्रो. भुवन चंद्र तिवारी ने बताया कि ओपीडी में आने वाला प्रत्येक चौथा युवा साइलेंट उच्च रक्तचाप और मधुमेह की चपेट में है, लेकिन वह इन बीमारियों से अंजान है। डायबिटीज के साथ साइलेंट बीपी से युवा पीढ़ी में दिल के दौरे के मामले बढ़ रहे हैं। इनमें 25-40 साल की उम्र के मरीज शामिल हैं। पिछले यही कारण है कि पिछले दो-तीन वर्ष में कम उम्र में हार्ट अटैक से होने वाली मौतें चर्चा में हैं। इसके लिए कुछ हद तक कोरोना संक्रमण भी जिम्मेदार हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में लाइफ स्टाइल डिजीज वजह है।

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    उन्हाेंने कहा कि हमें समझना होगा कि हार्ट अटैक अचानक नहीं होता है। यह स्वास्थ्य को लेकर वर्षों तक लापरवाही का नतीजा है। हर समय फोन के नोटिफिकेशन पर नजर रखने वाले युवा लंबे समय तक अनियंत्रित बीपी और उससे पनप रही बीमारी से बेखबर रहते हैं। डायबिटीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर दिल का दुश्मन तो है ही, किडनी, लिवर और आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में खुद को स्वस्थ रखना है तो सही एवं पौष्टिक आहार, अनुशासित जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य की जांच की आदत डालना होगा।

    प्रो. भुवन चंद्र तिवारी से सुल्तानपुर के 42 वर्षीय रजनीश सिंह ने सवाल किया कि मुझे वर्ष 2013 से डायबिटीज है। तीन वर्ष पहले हार्ट अटैक भी आया था तो एंजियोप्लास्टी हुई। शुगर और बीपी की दवा चल रही है, लेकिन नियंत्रित नहीं है। डाक्टर ने कहा कि अब सर्दी शुरू हो गई है। ऐसे में एक बार खून की सभी जांचें कराकर अपने डाक्टर से मिलें। आपकी दवाओं की मात्रा बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन यह खुद से न करें। सुबह हल्की धूप निकलने पर कम से कम 30 मिनट टहलें। चीनी, मैदा और तली-भुनी वस्तुओं से परहेज करें। अमरूद, कीवी और सेब खा सकते हैं।

    सवाल- मुझे डायबिटीज के साथ बीपी भी है। क्या इससे हार्ट अटैक का खतरा है? राजेश सिंह, अमेठी, 39 वर्ष
    -बिल्कुल है। ब्लड शुगर और उच्च रक्तचाप दोनों से धमनियां सख्त और संकरी हो जाती हैं, जिससे दिल तक खून का प्रवाह कम हो जाता है। डायबिटीज से खराब कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ सकता है, जो धमनियों में प्लाक का कारण बनता है। डायबिटीज से नसों को भी नुकसान हो सकता है, जिससे दिल की धड़कन प्रभावित होती है। इससे बचाव के लिए डाक्टर की सलाह के अनुसार नियमित अपनी दवाएं लें और ब्लड शुगर व रक्तचाप को नियंत्रित रखें। रोजाना 45 मिनट टहलें।

    सवाल- एक दिन क्रिकेट खेलते समय मुझे अचानक सिर दर्द के साथ चक्कर आया। डाक्टर को दिखाया तो ब्लड प्रेशर बढ़ा था। इसके बाद से दवा खा रहा हूं। क्या हमेशा दवा लेना होगा?- अमित सिंह, रायबरेली, 35 वर्ष
    -बिल्कुल। जब तक डाक्टर न करें आपको दवा बंद नहीं करना है। डायबिटीज एवं बीपी में दवाएं ताउम्र खाना होता है। साथ ही अपनी दिनचर्या ठीक करें। रोजाना सुबह टहलने की आदत बनाएं। बीपी की निगरानी करें। भोजन में तली-भुनी वस्तुएं न शामिल करें। हरी सब्जी, मौसमी फल का खूब सेवन करें। आठ घंटे की नींद जरूरी है। बेवजह का तनाव न लें।

    सवाल- मुझे करीब पांच साल से बीपी है। पिछले वर्ष डायबिटीज भी हो गई। क्या सावधानी बरतें?- राजीव तिवारी, बाराबंकी, 38 वर्ष
    -बीपी और डायबिटीज लाइफ स्टाइल डिजीज है। इसलिए दोनों रोग की समय-समय पर जांच करवाएं। डाक्टर के अनुसार नियमित दवाएं लें। स्वस्थ और संतुलित आहार हो। भोजन में पांच ग्राम से अधिक नमक की मात्रा न हो। हर दिन व्यायाम करें और धूमपान व शराब की अधिकता से बचें। यदि दोनों बीमारी नियंत्रित है तो खतरे की कोई बात नहीं है, लेकिन अनियंत्रित होने पर सबसे अधिक नुकसान हार्ट और किडनी को हो सकता है।

    सवाल- शुगर और बीपी की दवा ले रहा हूं, लेकिन राहत नहीं है। क्या लोहिया संस्थान में आकर दिखा लें? अमित पाल, सीतापुर, 32 वर्ष
    -यदि दवा लेने के बाद ही बीमारी नियंत्रित नहीं है तो इसका मतलब दवा ठीक से काम नहीं कर रही है या दवा की मात्रा बढ़ाने की जरूरत है। आप एक बार लोहिया संस्थान में दिखा लें, लेकिन तब तक नियमित दवाएं खाते रहें।

    सवाल- डायबिटीज के प्रारंभिक लक्षण क्या हैं? कैसे पहचानें की बीपी है? रागिनी पांडेय, सुल्तानपुर, 41 वर्ष
    -डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना, थकान महसूस होना, धुंधली दृष्टि, घावों का धीरे-धीरे ठीक होना और बिना कारण वजन कम होना शामिल हैं। अन्य लक्षणों में भूख में वृद्धि, त्वचा में खुजली और हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नता भी है। वैसे बीपी का कोई खास संकेत नहीं है, लेकिन तेज सिरदर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, नाक से खून आना, थकान और धुंधली दृष्टि हाई बीपी के लक्षण हैं। यदि ऐसा हो तो नजरअंदाज न करें। विशेषज्ञ डाक्टर को दिखाएं और इलाज शुरू करें, ताकि अन्य दुष्प्रभाव से बचाव संभव हो।

    सवाल- बच्चों में कार्डियक अरेस्ट के क्या कारण हो सकते हैं? माधुरी श्रीवास्तव, लखनऊ, 44 वर्ष
    -बच्चों में कार्डियक अरेस्ट जन्मजात हार्ट डिजीज हो सकता है। यदि परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास रहा है तो पांच साल की उम्र में हार्ट की सभी जांच जरूरी है।

    इन बातों का ध्यान रखें

    • सीने में भारीपन, सामान्य कामकाज के दौरान सांस फूलने, थकान, धड़कन तेज होना और बार-बार अपच होने पर डाक्टर से जरूर मिलें
    • यदि कोई लक्षण हो तो प्रारंभिक जांच के तौर पर ईसीजी जरूरी है। क्योंकि समय पर दवा शुरू होने से एंजियोप्लास्टी से बच सकते हैं
    • यदि हार्ट डिजीज की चपेट में हैं तो जोखिम कारकों पर नजर रखें और नियमित डाक्टर के संपर्क में रहें
    • दिल के रोग का पारिवारिक इतिहास है तो 20 साल की उम्र से स्क्रीनिंग कराएं

    ऐसे पहचानें दिल की बीमारी

    रक्तचाप, डायबिटीज, शुगर, कोलेस्ट्राल, मोटापा पर नजर रखें। समय-समय पर ये जांचें कराएं
    उच्च जोखिम वाले मरीजों को ईसीजी, ईको, टीएमटी जरूर कराते रहना चाहिए
    डाक्टर की सलाह पर एचएससीआरपी, लिपोप्रोटीन (ए), एचबीवनसी, शुगर पीपी, फास्टिंग और लिपिड प्रोफाइल छह माह में एक बार कराएं

    ऐसे रखें दिल को स्वस्थ

    • संतुलित आहारा-ताजा और मौसमी फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, मिलेट्स और सूखे मेवे का सेवन करें
    • नियमित व्यायाम- प्रतिदिन 45 मिनट व्यायाम या पैदल चलें। सूर्य नमस्कार बेहद महत्वपूर्ण आसन है
    • वजन नियंत्रित रखें- यदि मोटापा कि गिरफ्त में हैं तो वजन कम करने उपाय पर ध्यान दें, क्योंकि कमर का आकार कम रहता है तो बीमारी का खतरा घटता है।
    • तनाव प्रबंधन- परिवार के साथ समय बिताएं, पसंदीदा फिल्में देखें, किताब भी पढ़ सकते हैं

    हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण
    हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी शामिल है, जो दबाव, जकड़न या भारीपन जैसा महसूस हो सकता है और यह बांह, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट तक फैल सकता है। अन्य संकेतों में सांस लेने में कठिनाई, पसीना आना, मतली या चक्कर आना, और थकान या कमजोरी भी है।