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    लखनऊ में 100 बीघा से अधिक जमीन का हुआ था सौदा, ईडी की रोहतास समूह पर शिकंजा

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 05:26 AM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रोहतास समूह की बेनामी संपत्तियों की जांच तेज कर दी है, जो निवेशकों से धोखाधड़ी से जुड़ी हैं। समूह ने एलएलपी फर्मों के माध्यम से लाला जुगल किशोर कंपनी को 100 बीघा से अधिक जमीन बेची थी। ईडी ने 300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की हैं और मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। निवेशकों ने समूह के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए थे।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने निवेशकों से ठगी के बड़े मामले में रोहतास समूह व उनके सहयोगियों की बेनामी संपत्तियों को लेकर भी अपनी जांच तेज की है।

    ईडी की जांच में सामने आया है कि रोहतास समूह ने निवेशकों की रकम से खरीदी गईं जो संपत्तियां लाला जुगल किशोर कंपनी को बेची थीं, उनका सौदा एलएलपी (लिमिटेड लाइबेल्टी पार्टनरशिप) फर्मों के माध्यम से हुआ था।

    लाला जुगल किशोर लिमिटेड के संचालकों की दो एलएलपी फर्माें अमाल्या कंस्ट्रक्शन व अमायरा इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए रोहतास समूह से लखनऊ में 100 बीघा से अधिक जमीन खरीदी थी। रोहतास समूह के संचालकों ने निवेशकों की रकम से कई सहयोगी कंपनियों के माध्यम से जमीनें व बेनामी संपत्तियां जुटाई थीं। इनमें से 100 बीघा जमीन से अधिक जमीन के अलावा कई बेनामी संपत्तियां भी लाल जुगल किशोर कंपनी की एलएलपी काे ट्रांसफर की गई थीं।

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    ईडी ने 28 अक्टूबर को लखनऊ में सुलतानपुर रोड, बाराबंकी रोड व सीतापुर रोड स्थित पांच बेशकीमती जमीनें जब्त की थीं, जिनकी वर्तमान कीमती 300 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। लाला जुगल किशोर लिमिटेड के संचालक अर्पित रस्तोगी को बेची गईं कुछ अन्य संपत्तियों को लेकर भी छानबीन चल रही है।

    रोहतास समूह ने लखनऊ में सुलतानपुर व रायबरेली रोड पर दो आवासीय परियोजनाओं के नाम पर निवेशकों की रकम हड़पी थी। मामले में निवेशकों ने रोहतास समूह के संचालकों के विरुद्ध 83 मुकदमे दर्ज कराए थे। ईडी ने इन मुकदमों को आधार बनाकर मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।

    ईडी ने तीन माह पूर्व रोहतास प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के संचालकों के लखनऊ व दिल्ली स्थित आठ ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। इनमें रोहतास समूह के संचालक परेश रस्तोगी, उनके भाई पीयूष व दीपक रस्तोगी के आवासों पर भी घंटों छानबीन की गई थी।

    छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों की जांच में बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी सामने आई थी। मामले में उप्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (यूपी रेरा) ने भी जांच की थी। फारेंसिक आडिट में निवेशकों की 248 करोड़ रुपये से अधिक रकम हड़पे जाने के तथ्य सामने आए थे। लखनऊ पुलिस ने जुलाई 2022 में रोहताश समूह की 116.23 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं।