UP News: पूरे प्रदेश में लागू होगा इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, नवाचार को प्रोत्साहन देकर मॉडल बनेंगे सर्वोदय विद्यालय
समाज कल्याण विभाग जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों को मॉडल बनाने के लिए नवाचारों पर ध्यान दे रहा है। आगरा के एक विद्यालय में शुरू किए गए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के बेहतर परिणाम मिलने के बाद इसे अब प्रदेश के अन्य विद्यालयों में भी अपनाया जाएगा। विभाग छात्रों को आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए कई योजनाएं चला रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए समाज कल्याण विभाग नवाचारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नवाचार प्रोत्साहन योजना लागू कर विद्यालयों के अच्छे सुझावों को अमल में लाने के लिए बजट दिया जा रहा है।
इसके तहत आगरा के विद्यालय में शुरू किए गए इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स के बेहतर परिणाम मिलने के बाद उसे प्रदेश अन्य विद्यालयों में भी अपनाया जाएगा। साथ में बेहतर शिक्षा और कौशल विकास के लिए अन्य नवाचारों की भी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
गरीब, वंचित और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को निश्शुल्क आवासीय शिक्षा देने के लिए 62 जिलों में 109 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 60 प्रतिशत सीटों पर अनुसूचित जाति-जनजाति, 25 प्रतिशत सीटों पर अन्य पिछड़ा वर्ग और 15 प्रतिशत सीटाें पर सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है।
85 प्रतिशत छात्र ग्रामीण क्षेत्रों से चयनित किए जाते हैं। विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, टैबलेट आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं। भोजन, यूनिफार्म, पाठ्य सामग्री से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं (नीट, जेईई, सीयूईटी) की निश्शुल्क कोचिंग तक की सुविधा छात्रों को दी जा रही है।
पिछले दिनों इन विद्यालयों के छात्रों ने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की थी। इसके बाद समाज कल्याण विभाग छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए ही नवाचार प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इसके तहत बेहतर सुझाव को अपनाने के लिए पांच लाख रुपये दिए जा रहे हैं।
आगरा में इसके तहत इंग्लिश स्पीकिंग सिखाने के लिए अलग से स्मार्ट क्लासरूम बनाया गया है, जिससे वहां के बच्चे अंग्रेजी बोलने में निपुण हो रहे हैं। समाज कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण हाल ही में खुद वहां जाकर इसकी जानकारी ली थी।
मंत्री ने बताया कि एक शिक्षिका की पहल पर यह नवाचार हुआ है। इसे अब अन्य विद्यालयों को भी अपनाने के लिए कहा गया है। साथ ही इसी तरह के अन्य बेहतर सुझावों को भी संबंधित विद्यालयों में प्रयोग के तौर पर आजमाया जाएगा और सही परिणाम मिलने पर आगे बढ़ाया जाएगा।
विभाग की कोशिश है कि सर्वोदय विद्यालय एक मॉडल के रूप में छात्रों को आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक साबित हों।
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