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    किसानों के लिए जरूरी सूचना, एक गलती और नहीं मिलेगा सम्मान निधि का लाभ; फार्मर रजिस्ट्री के बाद आई एक और शर्त

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:57 PM (IST)

    रायबरेली के ऊंचाहार में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ने पर प्रशासन सख्त हो गया है। पराली जलाने वाले किसानों को अब कृषि योजनाओं में मिलने वाले अनुदान और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित किया जाएगा। किसानों को पराली निस्तारण के लिए खेतों में सिंचाई कर यूरिया का घोल डालने और डीकंपोजर का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

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    संवाद सूत्र, ऊंचाहार (रायबरेली)। पराली जलने से प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ती जा रही है। इसके चलते वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक काफी बढ़ गया है। इसके चलते किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

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    अब तहसील और कृषि विभाग मिलकर पराली जलाने वाले किसानों पर और सख्ती बरत रहा है। अब कार्रवाई केवल जुर्माना और मुकदमे तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उन्हें कृषि विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं में मिलने वाला अनुदान भी नहीं मिले सकेगा।

    तहसील क्षेत्र में इस बार लगभग 18 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की गई। ऐसे में पराली भी बड़े पैमाने पर निकलती है। किसान पराली न जलाएं, इसके लिए ऊंचाहार, रोहनिया, जगतपुर व गौरा ब्लाक में पुलिस और राजस्व की टीमों का गठन किया गया है।

    टीमें लगातार पराली प्रबंधन पर नजर रख रही हैं। एसडीएम राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि किसानों को अनुदान पर बीज मिलता है, लेकिन किसान पराली जलाएंगे तो उन्हें सभी अनुदान से वंचित कर दिया जाएगा। यही नहीं किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा।

    ऐसे करें पराली का निस्तारण

    कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक शिव प्रसाद चौरसिया ने बताया कि खेतों में पराली काे फैलाकर खेत की सिंचाई कर दें। तीन से चार दिन बाद यूरिया का घोल बनाकर इस पर स्प्रे करें। एक सप्ताह बाद खेत की जोताई करें। कम समय में पराली का निस्तारण करने के लिए सिंचाई के तीन दिन बाद बेस्ट डिकंपोजर का एस्प्रे भी किया जा सकता है।