यूपी में फाइलेरिया संक्रमण घटा अब साल में एक बार ही खिलायी जाएगी दवा, स्वास्थ्य विभाग का महत्वपूर्ण निर्णय
उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया संक्रमण में कमी आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने साल में एक बार ही दवा खिलाने का फैसला किया है। पहले यह दवा साल में दो बार खिल ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान अब वर्ष में एक बार फरवरी में चलाया जाएगा। प्रदेश के 51 जिले फाइलेरिया संक्रमण से प्रभावित थे। इनमें से 24 जिलों में संक्रमण एक प्रतिशत से कम रह गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार एक प्रतिशत से कम संक्रमण वाले जिलों में फाइलेरिया संक्रमण को नियंत्रित माना जाता है। इसी आधार पर सिर्फ 17 जिलों के 52 ब्लाक में फाइलेरिया नियंत्रण के लिए दवा खिलायी जाएगी।
राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. एके चौधरी ने बताया कि इस वर्ष फरवरी व अगस्त में हुए एमडीए राउंड के बाद पाया गया है कि सिर्फ 17 जिलों के 52 ब्लाक में ही अभियान जारी रखा जाए। वर्ष 2026 में फरवरी माह में ही अभियान चलेगा। इसके लिए 17 जिलों के मुख्य प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण शुरू हो गया है।
सभी को बताया गया है कि बचे हुए लोगों को दवा अपने सामने ही खिलाना है। जो दवा खाने से इनकार करें, उनकी सूची बनानी है। जिससे उन्हें दवा खाने के लिए जागरूक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के 51 जिलों के 782 ब्लाक फाइलेरिया से प्रभावित थे। इनमें से 732 ब्लाक में संक्रमण की दर एक प्रतिशत से नीचे आ गई है।
लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, रायबरेली, आंबेडकरनगर, अयोध्या, भदोही, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बांदा, चित्रकूट, बलिया, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र में फरवरी माह में उन्मूलन के लिए दवा खिलायी जाएगी।

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