यूपी के सभी एक्सप्रेस-वे पर हर 100KM की दूरी पर मिलेगी ये सुविधा, सीएम योगी ने दे दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेसवे पर हर 100 किलोमीटर पर अग्निशमन चौकियां स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए अग्निशमन विभाग का पुनर्गठन किया जाएगा, जिससे 1020 नए पद सृजित होंगे। सभी आठ जोनों में विशेष यूनिट बनेंगी, जो आपदा प्रबंधन में सक्षम होंगी। मुख्यमंत्री ने वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने और फायर सर्विस को आपदा प्रबंधन के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निशमन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी एक्सप्रेसवे पर हर 100 किलोमीटर की दूरी पर छोटी अग्निशमन (फायर) चौकियां स्थापित की जाएं, जिससे दुर्घटना होने पर गोल्डन आवर (दुर्घटना के बाद का पहला घंटा) के भीतर राहत व बचाव कार्य शुरू किया जा सके।
उन्होंने बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन व आपात सेवा विभाग के पुनर्गठन करने के भी निर्देश दिए हैं। विभाग के पुनर्गठन से 1020 नए पद सृजित होंगे। इनमें राजपत्रित संवर्ग के 98 तथा अराजपत्रित संवर्ग के 922 पद शामिल हैं।
गुरुवार को अपने आवास पर अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य के सभी आठ जोनों में विशेष यूनिट गठित की जाएं। इन्हें केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल दुर्घटनाओं व सुपर हाईराइज बिल्डिंग (ऊंची इमारत) में आग बुझाने के उपकरणों से लैस किया जाए।
साथ ही संबंधित दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए इस यूनिट को प्रशिक्षण दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक जिले में अकाउंट काडर स्थापित किया जाए। साथ ही, राज्य अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पद सृजित कर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि फायर सर्विस को केवल आग बुझाने तक सीमित न रखकर इसे आपदा प्रबंधन, रेस्क्यू आपरेशन और आपात सेवाओं के रूप में विकसित किया जाए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कुशीनगर, आजमगढ़, श्रावस्ती, कानपुर नगर, अयोध्या, अलीगढ़, मुरादाबाद, चित्रकूट और सोनभद्र एयरपोर्ट पर अग्निशमन सेवाओं के तहत कार्मिकों की तैनाती की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फायर सर्विस जनता के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ विभाग है। इसकी संरचना ऐसी होनी चाहिए, जो हर परिस्थिति में तत्काल सेवा उपलब्ध करा सके।
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