लखनऊ में अशोक लेलैंड के पास बनेगा फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स, 150 सूक्ष्म व लघु इकाईयां होंगी स्थापित
लखनऊ में अशोक लेलैंड के पास स्कूटर इंडिया की जमीन पर फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स (एफएफसी) बनेगा। एमएसएमई विभाग ने 400 वर्ग मीटर जमीन चुनी है। पांच मंजिला कॉम्प्लेक्स में लगभग 150 छोटे उद्योग चलेंगे। सरकार निवेशकों को एनओसी के लिए विभागों के चक्कर काटने से बचाने के लिए पहले ही एनओसी ले लेगी। मंत्री राकेश सचान ने बताया कि लखनऊ के बाद गोरखपुर में भी ऐसा कॉम्प्लेक्स बनेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ में फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स (एफएफसी) का निर्माण अशोक लेलैंड के पास स्कूटर इंडिया की भूमि पर किया जाएगा। इसके लिए 400 वर्ग मीटर भूमि सूक्ष्म, लघु एवं मध्ययम उद्यम (एमएसएमई) विभाग ने चिह्नित की है।
पहले इसका निर्माण अमौसी औद्योगिक क्षेत्र में किया जाना था, लेकिन उपयुक्त भूमि उपलब्ध न होने की वजह से अब इसका निर्माण स्कूटर इंडिया की भूमि पर किया जाएगा। इस पांच मंजिला कांप्लेक्स में करीब 150 सूक्ष्म व लघु इकाईयां संचालित की जाएंगी।
राज्य सरकार ने स्कूटर इंडिया की 147.49 एकड़ भूमि में से 70 एकड़ भूमि हिंदुजा समूह को अशोक लेलैंड की इकाई स्थापित करने के लिए दी है। इस इकाई में इलेक्ट्रिक बसों व ट्रक का निर्माण किया जाएगा।
सरकार ने हिंदुजा समूह को भूमि आवंटन के बाद शेष भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधीन कर दी थी। इसी में से 400 वर्ग मीटर भूमि पर लखनऊ के पहले फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स के निर्माण की तैयारी एमएसएमई विभाग ने शुरू कर दी है।
विभाग की कोशिश है कि लखनऊ में बनने वाले कांप्लेक्स में आइटी, स्पोर्टस शूज, परिधान, खिलौने, खाद्य प्रसंस्करण, आगबत्ती, मसाला, नमकीन, इलेक्ट्रानिक्स, होजरी जैसे छोटे उद्योगों की इकाईयां स्थापित की जाएं।
प्लग एंड प्ले व्यवस्था पर आधारित इस कांप्लेक्स का निर्माण फिलहाल पांच मंजिल में किए जाने की योजना तैयार की गई है। इसके निर्माण को लेकर एमएसएमई विभाग सभी संबंधित विभागों से पहले ही अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) ले लेगा, जिससे इकाईयों की स्थापना को लेकर निवेशकों को एनओसी के लिए विभिन्न विभागों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
इस बारे में एमएमएसई मंत्री राकेश सचान का कहना है कि लखनऊ के बाद गोरखपुर में भी फ्लैटेड फैक्ट्री कांप्लेक्स के निर्माण की तैयारी की जा रही है। इन कांप्लेक्सों का निर्माण भविष्य के छोटे उद्योगों के लिए किया जा रहा है। इसमें स्थापित होने वाली इकाईयों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका डिजाइन इस प्रकार से तैयार किया जाएगा कि उद्यमी सीधे इस कांप्लेक्स में संबंधित मशीनें लगाकर उत्पादन शुरू कर सकते हैं।

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