Blast in Ayodhya: रसोई में ही कर सकते हैं गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट की जांच, इन बातों का रखें ध्यान
आजकल हर घर में गैस सिलेंडर का उपयोग होता है, लेकिन सुरक्षा पर ध्यान देना ज़रूरी है। सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जांचना अनिवार्य है। सिलेंडर के ऊपरी भाग पर दिए गए कोड से इसकी जानकारी मिलती है। हमेशा ISI मार्क वाला सिलेंडर खरीदें और रेगुलेटर व पाइप को समय-समय पर बदलें।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। फैजाबाद में गुरुवार रात हुआ धमाका किस वजह से हुआ यह तो जांच के बाद ही सामने आ सकेगा लेकिन गैस सिलेंडर में विस्फोट से भी इनकार नहीं किया जा सकता। थोड़ी से सावधानी और जागरूकता से भविष्य में किसी हादसे से बचा जा सकता है। तेल कंपनियों ने गैस सिलेंडर को लेकर कई बार दिशा निर्देश जारी किए हैं।
उपभोक्ता के सामने बड़ा सवाल है कि किसी सिलेंडर की आयु कितनी आखिर इसका पता कैसे लगाया जाए। यह जानना बेहद आसान है। जब भी आपके घर गैस सिलेंडर की डिलीवरी हो चेक करें कि नोजल के पास बने रिंग में ए-25, बी-25, सी-25 या डी-25 की तरह कोई एक कोड पड़ा है या नहीं।
उदाहरण के लिए अगर आपके घर आए सिलेंडर पर ए-25 पड़ा है तो इसका अर्थ है कि यह 2025 मार्च तक सुरक्षित और वैध है। अगर आगे इस सिलेंडर का प्रयोग करना हो ताे इसकी क्षमता की जांच करानी होगी।
इसी तरह बी-25 दर्ज है तो जून तक सिलेंडर तक वैध है। सी-25 दर्ज है सितंबर 2025 तक और डी-25 अंकित है तो दिसंबर 2025 तक वैध है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
एक्सपायर डेट के बाद सिलेंडर का प्रयोग खतरनाक हो सकता है। सिलिंडर की धातु कमजोर पड़ जाती है जिससे गैस का रिसाव हो सकता है डिलीवरी लेते समय एक्सपायरी डेट जरूर करें। सिलेंडर को हमेशा खुले और हवादार स्थान पर रखें। बंद कमरे या तहखाने में रखने पर रिसाव होने पर आग पकड़ सकती है।
रसोई में प्रयोग करते समय सिलेंडर को वर्टिकल पोजिशन में ही रखें कभी भी जमीन पर लिटाकर नहीं रखें। सिलेंडर लगाने से पहले सील और वाल्व की अच्छी तरह से जांच करें।
रेगुलेटर और पाइप हमेशा आईएसआई मार्क के ही लगाएं ताकि सुरक्षित रहें। रबर पाइप हर दो साल में बदलें और उसमें किसी भी दरार या टूट-फूट की जांच नियमित रूप से करते रहें।
गैस रिसाव की जांच समय समय पर करते रहें। जांचने के लिए साबुन के पानी को नोजल पर डालें। अगर रिसाव होगा तो पानी के बुलबुले निकलेंगे।
घटतौली को लेकर भी रहें सावधान
रीफिलिंग के कारण दुर्घटनाएं तो हो ही रही हैं उपभोक्ताओं को नुकसान भी हो रहा है। एलपीजी में कटिंग करके सिलेंडर घरों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ता डिलीवरी लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
डिलीवरी के समय उपभोक्ता को सिलेंडर की सील जरूर देखनी चाहिए अगर सील टूटी होने या छेड़छाड़ की आशंका लग रही है तो सिलिंडर लेने से मना कर सकता है।
सिलेंडर लेते समय डिलीवरी मैन से तौल जरूर कराएं। तौल के लिए उसके पास एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा होता है। अगर डिलीवरी मैन अपने साथ इलेक्ट्रॉनिक कांटा नहीं लाया है तो सिलेंडर लेने से मना कर सकते हैं।
घरेलू सिलेंडर में 14.2 किलोग्राम गैस होती है और खाली सिलेंडर का वजन 15 से 16 किलोग्राम तक होता है। प्रत्येक सिलिंडर पर उसका वजन लिखा होता है। जब भी सिलिंडर आए तो उस पर लिखे वजन और अंदर गैस का वजन जोड़कर तौल कराएं।
इसी तरह व्यवसायिक सिलेंडर का वजन करीब 19 किलोग्राम और इसमें 47.5 किलाेग्राम गैस होती है।वहीं छोटू सिलेंडर में दस किलोग्राम गैस और खाली सिलेंडर का वजन पांच किलोग्राम होता है।
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