वैश्विक निवेश व रोजगार का साधन बनेगी जीसीसी नीति, सरकार का फॉर्च्यून 500 और एफडीआइ पर फाेकस
GCC Policy in UP will increase investment and Employment जीसीसी नीति के तहत निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से भूमि पर 30-50 प्रतिशत सब्सिडी स्टांप ड्यूटी पर साै प्रतिशत और पूंजिगत सब्सिडी के रूप में 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : योगी आदित्यनाथ सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति 2024 उत्तर प्रदेश को वैश्विक कारोबारी मानचित्र पर एक नया मुकाम दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रही है। ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति 2024 उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेश के साथ-साथ रोजगार का साधन भी बनेगी। इस नीति के जरिए सरकार फॉर्च्यून 500 और एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) पर विशेष फोकस कर रही है।
इसके साथ ही नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे महानगरों को तकनीकी और डिजिटल सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे अगले पांच वर्षों में दो लाख से अधिक उच्च-वेतन वाली नौकरियां सृजित होंगी। जीसीसी नीति के तहत निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए सरकार की तरफ से भूमि पर 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी पर साै प्रतिशत और पूंजिगत सब्सिडी के रूप में 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।
एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी, परिचालन सब्सिडी 20 प्रतिशत प्रदान की जाएगी। इसके अलावा फार्च्यून ग्लोबल 500 कंपनियों को कई अन्य प्रोत्साहन पैकेज दिए जाएंगे। नीति में स्टार्टअप आइडिएशन के लिए दो करोड़ रुपये तक 50 प्रतिशत लागत प्रतिपूर्ति, पेटेंट के लिए 5-10 लाख रुपये की आइपीआर सब्सिडी और उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीसीसी नीति न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि युवाओं को उच्च-कुशल रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगी।
पात्रता और अवसर
नीति में लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए स्पष्ट मानदंड निर्धारित किए गए हैं। लेवल-1 के लिए गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के बाहर 15 करोड़ रुपये या 500 कर्मचारियों, और इन जिलों में 20 करोड़ रुपये का निवेश जरूरी है। एडवांस्ड जीसीसी के लिए 50 करोड़ रुपये (गाैतमबुद्ध नगर/गाजियाबाद के बाहर) या 75 करोड़ रुपये (इन जिलों में) और हजार कर्मचारियों की पात्रता है। यह छोटे और बड़े निवेशकों को समान अवसर प्रदान करता है।
वित्तीय प्रोत्साहन
योगी सरकार ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए उदार प्रोत्साहन पेश किए हैं। भूमि पर 30-50% सब्सिडी, 100% स्टांप ड्यूटी छूट, 25% पूंजीगत सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 10 करोड़, एडवांस्ड के लिए 25 करोड़ रुपये), एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, 5% ब्याज सब्सिडी, 20% परिचालन सब्सिडी (लेवल-1 के लिए 40 करोड़, एडवांस्ड के लिए 80 करोड़ रुपये) और पेरोल सब्सिडी (प्रति कर्मचारी 1.8 लाख रुपये तक) जैसे प्रावधान लागत कम करेंगे और निवेश को बढ़ावा देंगे।
फॉर्च्यून 500 और एफडीआइ पर फोकस
फॉर्च्यून ग्लोबल 500/इंडिया 500 कंपनियों और 100 करोड़ रुपये से अधिक के एफडीआई वाले जीसीसी के लिए अनुकूलित प्रोत्साहन पैकेज दिए जाएंगे। यह वैश्विक दिग्गजों को यूपी की ओर आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है।
नवाचार और आरएंडडी को बढ़ावा
नीति में स्टार्टअप आइडिएशन के लिए 50% लागत प्रतिपूर्ति (2 करोड़ रुपये तक), पेटेंट के लिए 5-10 लाख रुपये की आईपीआर सब्सिडी और उत्कृष्टता केंद्रों के लिए 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान शामिल है। यह यूपी को तकनीकी नवाचार का केंद्र बनाएगा।
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