संदिग्ध हालात में जीडीएस ने फंदे से लटककर दी जान, निरीक्षण के बाद से तनाव में था… सरकारी क्वार्टर में घटना
लखनऊ के महानगर पोस्ट ऑफिस में 21 वर्षीय ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) अंकित ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। हरियाणा के रहने वाले अंकित डाकघर के ऊपर बने कमरे में अकेले रहते थे। स्टाफ ने दरवाजा तोड़कर शव को निकाला। दोस्तों के अनुसार अंकित रविवार को ही उनसे मिले थे। हाल ही में अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद से वह तनाव में थे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। महानगर पोस्ट ऑफिस में गुरुवार को ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) 21 वर्षीय अंकित ने संदिग्ध हालात में फंदे से लटककर जान दे दी। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) महानगर अंकित सिंह ने बताया कि परिवार वालों को सूचना देकर बुलाया गया है। उनके आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसीपी ने बताया कि अंकित मूल रूप से हरियाणा के रजावस जिला महेंद्रगढ़ निवासी थे। डाकघर के छत पर एक कमरे में अंकित अकेले रहते थे। वह डाकघर की पहरेदारी भी करते थे।
स्टाफ के लोग जब पहुंचे तो काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद भी जवाब नहीं मिला तो घटना की जानकारी अन्य लोगों को दी गई। स्टाफ के लोगों ने किसी तरह खिड़की खोली और उससे झांककर देखा तो उसका शव फंदे से लटक रहा था।
सूचना पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव को कब्जे में लिया। मौत की खबर मिलते ही अंकित के कई दोस्त मौके पर पहुंच गए।
दोस्त सुरेश धनकर ने बताया कि उसकी आखरी बार रविवार को बात हुई थी। हाल-चाल लिया और काम धाम की बात हुई थी। रविवार को मिलना होता था, लेकिन इस बार नहीं मिल सके। सुबह पोस्ट ऑफिस के लोगों ने मौत की जानकारी दी।
एसीपी ने बताया कि अंकित के घर वालों को जानकारी देकर बुलाया गया है। परिवार गुरुवार शाम तक पहुंचेगा। कमरे से कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला है। अगर परिवार की तरफ से कोई आरोप लगाया जाता है, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। अंकित के परिवार में पिता और एक बहन है। मां की बहुत पहले मृत्यु हो चुकी है।
अधिकारियों के निरीक्षण के बाद से था तनाव में
पोस्ट ऑफिस के कुछ लोगों ने बताया कि बीते दिनों सीआई दिलीप पांडेय और प्रवर अधीक्षक डाकघर लखनऊ सचिन चौबे ने महानगर पोस्ट ऑफिस का निरीक्षण किया था। इस दौरान जीडीएस अंकित को डांट-डपटा गया था।
परिजनों और सहकर्मियों के मुताबिक, इसके बाद से वह मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहा था। परिवारीजन ने बताया कि लगातार मानसिक दबाव और उत्पीड़न से टूटकर अंकित ने जान दे दी। घटना से हड़कंप मच गया। विभागीय कर्मचारियों में आक्रोश है।
बहुत अच्छे स्वभाव के थे अंकित
घटनास्थल पर मौजूद दोस्तों ने बताया कि अंकित बहुत अच्छे स्वभाव और मिलनसार थे। स्टाफ के लोगों का का भी कहना था कि हंसी मजाक किया करता था। न जाने किस मानसिक तनाव में था, जो इतना बड़ा कदम उठा लिया।
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