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    यूपी में राज्यकर के 7 अफसरों ने सरकार को कैसे लगाया सवा दो करोड़ का चूना? अब तो IAS अधिकारी भी फंसे

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 03:17 AM (IST)

    गौतमबुद्धनगर में तैनात आईएएस अधिकारी समेत सात अधिकारियों पर सवा दो करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी का आरोप है। पान मसाला कारोबारियों से मिलीभगत कर और फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को चूना लगाया गया। सरकार ने सभी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है और अलीगढ़ के मंडलायुक्त को जांच सौंपी है।

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    राज्यकर के सात अफसरों ने सरकार को लगाया सवा दो करोड़ रुपये का चूना

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गौतमबुद्धनगर में तैनात आइएएस अपर आयुक्त राज्य कर संदीप भागिया पर शोषण व उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला अधिकारियों सहित राज्य कर के सात अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में सरकार को सवा दो करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगाया है।

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    पान मसाला कारोबारियों से मिलीभगत कर जहां 1.50 करोड़ रुपये वहीं फर्जी फर्म के माल पर नियमानुसार अर्थदंड लगाए बिना छोड़ अफसरों ने 75 लाख रुपये जीएसटी का नुकसान किया है। दोनों प्रकरणों की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को सभी के खिलाफ विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए आरोपों की जांच अलीगढ़ के मंडलायुक्त को सौंपी है।

    मंडलायुक्त को एक माह में जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय जांच के आदेश होने से एक दिन पहले बुधवार को ही छह संबंधित अधिकारियों (अपर आयुक्त ग्रेड-2, संयुक्त आयुक्त से लेकर सहायक आयुक्त) को गौतमबुद्धनगर की एसआइबी (विशेष अनुसंधान शाखा) व सचल दल से हटाकर महत्वहीन पदों पर स्थानांतरित किया जा चुका है।

    राज्य कर के प्रमुख सचिव एम देवराज को जीएसटी हानि संबंधी मिली शिकायतों की जांच में प्रथमदृष्टया सात अधिकारियों के दोषी पाए जाने पर गुरुवार को विभागीय विशेष सचिव श्याम प्रकाश नारायण की ओर से प्रकरण में सभी के खिलाफ जांच कराने के आदेश जारी किए गए।

    आदेश में स्पष्ट तौर पर आरोप लगाया गया है कि गौतमबुद्धनगर जिले में 23 जुलाई को पान मसाला लदी चार गाड़ियों के पकड़े जाने के बाद उनका वजन नहीं कराया गया। न चालक का बयान लिया गया और न ही भौतिक सत्यापन किया गया। पान मसाला कारोबारियों से मिलीभगत कर मामूली अर्थदंड लगाया गया जिससे डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी का नुकसान किया गया।

    इस मामलें में जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया है उनमें गौतमबुद्धनगर के तत्कालीन अपर आयुक्त ग्रेड-दो अब मुरादाबाद में तैनात अपर आयुक्त विवेक आर्या, तत्कालीन संयुक्त आयुक्त गौतमबुद्धनगर अब संयुक्त आयुक्त उच्च न्यायालय कार्य प्रयागराज आलोक कुमार, तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-एक नोएडा अब सहायक आयुक्त उच्च न्यायालय कार्य लखनऊ में तैनात प्रियंका, तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-दो नोएडा अब सहायक आयुक्त टैक्स आडिट अयोध्या रोहित रावत, तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-तीन नोएडा अब सहायक आयुक्त उच्च न्यायालय कार्य प्रयागराज वंदना सिंह तथा तत्कालीन सहायक आयुक्त सचल दल यूनिट-पांच नोएडा अब सहायक आयुक्त महोबा शिखा सिंह हैं।

    अपर आयुक्त ग्रेड-दो विवेक आर्या तथा संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार पर्यवेक्षणीय विफलता के दोषी पाए गए हैं। प्रियंका पर वाहन संख्या-एचआर 69 सी 6772, रोहित रावत पर वाहन संख्या एनएल 01 एन 7604, वंदना सिंह पर वाहन संख्या एचआर 55 एके 1400 तथा शिखा सिंह पर वाहन संख्या एनएल 01 एन 6236 को पान मसाला सहित पकड़ने के बाद छोड़ने के आरोप हैं।

    महाराष्ट्र की फर्जी शिव ट्रेडिंग कंपनी के माल सहित सात वाहनों को पकड़ने के बाद उनसे नियमानुसार जीएसटी न वसूल कर ट्रांसपोर्टर से मिलीभगत कर छोड़ने के मामले में भी विवेक, आलोक, प्रियंका, वंदना व शिखा के साथ ही नोएडा सचल दल यूनिट-छह के सहायक आयुक्त सुरेश पाल प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। इस मामले की जांच भी अलीगढ़ के मंडलायुक्त को सौंपी गई है।