उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के नवाचार को नई दिशा दे रहा ‘आइडिया बैंक’, रचनात्मक विचारों का साझा मंच
शिक्षकों के 'आइडिया बैंक' नवाचार को बढ़ावा दे रहा है, शिक्षकों को रचनात्मक विचार साझा करने का अवसर मिल रहा है। यह मंच शिक्षकों को नए प्रयोग करने और नवीन तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 'आइडिया बैंक' शिक्षकों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में मदद करता है और शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नवाचार और रचनात्मकता को शिक्षा का मूल आधार बताया गया है। इसे आगे बढ़ाते हुए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने शिक्षकों के रचनात्मक प्रयासों को एक साझा मंच देने के लिए ‘आइडिया बैंक डिपाजिटरी उदगम पोर्टल’ तैयार किया है।
यह पोर्टल शिक्षकों के लिए ऐसा मंच बना है, जहां वे अपने नवाचारों, प्रयोगों और सफल शैक्षणिक तरीकों को साझा कर रहे हैं, अन्य शिक्षक उनसे प्रेरणा ले रहे हैं।
इसकी खासियत यह है कि इस पर पूरे प्रदेश से लेकर देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक शिक्षा क्षेत्र में हो रहे नवाचार एक ही मंच पर उपलब्ध हैं। एससीइआरटी के अधिकारियों के अनुसार हर शिक्षक अपने अनुभव और प्रयास को साझा कर शिक्षा में नया आयाम जोड़ सकता है। शिक्षण विधियां, मूल्यांकन, खेलकूद, पर्यावरण, स्वास्थ्य, समावेशी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, सामुदायिक सहभागिता, और आइसीटी जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयोगों को यहां साझा किया जा सकता है।
यहां शिक्षकों के प्रयासों की पूरी कहानी है। जैसे प्रतापगढ़ के उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रश्मि ने जूनियर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ‘ई-कामिक्स’ तैयार की है। इसमें बच्चों को विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) विषयों से जोड़ने के लिए कहानी और चित्रों का सहारा लिया गया है।
इसी तरह गोंडा जिले के बकौली पुरवा के शिक्षक राखाराम ने ‘डिजिटल लर्निंग प्वाइंट’ नाम से एक नई पहल शुरू की है। उन्होंने गांव के लोगों के सहयोग से सप्ताह में एक दिन शाम छह से आठ बजे तक डिजिटल क्लास की व्यवस्था की है। यह प्रयोग बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी शिक्षा से जोड़ने में सफल रहा है। शिक्षकों के नवाचार अब दूसरों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।
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