यूपी में औद्योगिक क्रांति: इन्वेस्ट यूपी का पुनर्गठन, खुलेंगे सैटेलाइट ऑफिस
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को एक मजबूत औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य 'मेक इन यूपी' को बढ़ावा देना है। इस पहल के तहत राज्य में पांच सैटेलाइट ऑफिस भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे निवेश को और गति मिलेगी।

आवास में इन्वेस्ट यूपी की शासी निकाय की बैठक करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में निवेश को गति देने के साथ ही औद्योगिक इकाइयों का स्थापना को नई उड़ान देने की ठान चुके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है।
औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने इन्वेस्ट यूपी को ‘वन स्टॉप एजेंसी’ के रुप में विस्तारित करने के साथ इसके विशेषज्ञ सेल और सैटेलाइट ऑफिस खोलने का भी निर्देश दिया है। देश के पांच बड़े शहरों में इन्वेस्ट यूपी के सैटेलाइट ऑफिस खोले जाएंगे।
इन सेल्स में विशेषज्ञ अधिकारी तैनात होंगे जो सेक्टर-वार निवेश को बढ़ावा देने का काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्ट यूपी को विशेषज्ञता और परिणाम-आधारित संस्था के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे निवेशक राज्य में भरोसे के साथ प्रोजेक्ट शुरू कर सकें।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई इन्वेस्ट यूपी शासी निकाय की पहली बैठक में फैसला लिया गया कि इन्वेस्ट यूपी को नए ढांचे के तहत एक एकल निवेश सुविधा एजेंसी (Single Investment Facilitation Agency) के रूप में विकसित किया जाएगा, जो निवेशकों को मंजूरी से लेकर प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग तक हर स्तर पर मदद करेगी। इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन से राज्य में निवेश की प्रक्रिया और ज्यादा आसान, पारदर्शी और तेज होगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि इस कदम का मकसद इन्वेस्ट यूपी को एक ऐसी संस्था के रूप में विकसित करना है जो निवेशकों के लिए हर जरूरत का समाधान एक ही जगह पर दे सके।
बैठक से साफ है कि सरकार अब उत्तर प्रदेश को एक मजबूत इंडस्ट्रियल डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उद्योग और निवेश को लेकर राज्य के तेवर अब और आक्रामक दिख रहे हैं। इनका यह कदम ‘मेक इन यूपी’ को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।
‘वन स्टॉप इन्वेस्टमेंट एजेंसी’ बनेगा इन्वेस्ट यूपी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह नया ढांचा इन्वेस्ट यूपी को एक “वन स्टॉप इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन एजेंसी” बनाएगा, जो न सिर्फ निवेश आकर्षित करेगी बल्कि प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन तक सक्रिय निगरानी भी करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस ढांचे को तुरंत लागू किया जाए और हर प्रकोष्ठ का कार्यक्षेत्र स्पष्ट रूप से तय हो, ताकि निवेश संवर्धन के लिए एक संगठित और असरदार व्यवस्था बन सके।
देशभर में खुलेगा इन्वेस्टमेंट नेटवर्क
बैठक में तय हुआ कि मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली में सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस स्थापित होंगे और इन दफ्तरों के माध्यम से घरेलू और विदेशी निवेशकों से सीधा संपर्क किया जाएगा। जिससे कि ज्यादा से ज्यादा उद्योगपति उत्तर प्रदेश में निवेश करें। मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिए कि इन दफ्तरों के संचालन में पारदर्शिता, दक्षता और नतीजा देने वाला रवैया अपनाया जाए।
अफसरों की नई तैनाती और भूमि बैंक पर जोर
मुख्यमंत्री ने इस बैठक में 11 महाप्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक पदों पर कार्योत्तर स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही दो संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी (पीसीएस संवर्ग) को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने और भूमि बैंक प्रकोष्ठ बनाने का फैसला लिया गया है। इसमें दो पीसीएस अधिकारी (उपजिलाधिकारी या अपर जिलाधिकारी स्तर) को नियुक्त किया जाएगा। यह प्रकोष्ठ उद्योगों को भूमि उपलब्ध कराने और प्रोजेक्ट्स की निगरानी का काम करेगा।
हर सेक्टर के लिए बनेगा विशेषज्ञ सेल
बैठक में यह भी तय हुआ कि इन्वेस्ट यूपी के तहत अब अलग-अलग सेक्टरों के लिए स्पेशल एक्सपर्ट सेल (Expert Cells) बनाए जाएंगे। इनमें शामिल होंगे टेक्सटाइल सेक्टर, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, सर्विस सेक्टर, इन सेल का काम होगा उद्योगों को तकनीकी, कानूनी और नीतिगत सहयोग देना, ताकि निवेशक बिना किसी अड़चन के अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
निवेश और रोजगार दोनों में बड़ी छलांग
मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 4,000 नई फैक्ट्रियां स्थापित हुई हैं। इससे राज्य में कुल औद्योगिक इकाइयों की संख्या 27,000 के करीब पहुंच गई है। पहले जहां हर साल करीब 500 नई इकाइयां बनती थीं, वहीं अब यह संख्या कई गुना बढ़ चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “Reform, Perform, Transform” मंत्र के सफल क्रियान्वयन का नतीजा है, जिससे राज्य का इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम मजबूत हुआ है।
Invest Mitra Portal 3.0 से आसान होगी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब निवेश मित्र पोर्टल 3.0 (Nivesh Mitra Portal 3.0) लाया जा रहा है, जिससे आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया और सरल व डिजिटल होगी। इस पोर्टल में जोड़ी जा रही नई सुविधाओं में शामिल हैं: सिंगल साइन-ऑन सिस्टम, एआई चैटबॉट, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन, डिजिटल मॉनिटरिंग, इससे 30% तक प्रक्रिया का समय घटेगा और 50% तक कागजी काम कम होगा।
विदेशी निवेश के लिए बनेगा ‘फोकस कंट्री डेस्क’
उत्तर प्रदेश सरकार ने जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, ताइवान, सिंगापुर और खाड़ी देशों के निवेशकों से संपर्क के लिए फोकस कंट्री डेस्क (Focus Country Desk) तैयार किए हैं। इन देशों की कंपनियों से सीधे संवाद के जरिए UP में विदेशी निवेश (FDI in UP) बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक मंचों पर उत्तर प्रदेश की औद्योगिक छवि को और मजबूत बनाया जाएगा।
सेफ सिटी की तर्ज पर अब सेफ इंडस्ट्री
सीएम योगी ने कहा कि अब प्रदेश में ‘सेफ इंडस्ट्री (Safe Industry)’ की अवधारणा लागू की जाएगी। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत किया जाएगा ताकि निवेशक निश्चिंत होकर निवेश कर सकें। सीएम योगी ने बताया कि ‘चाइना+1 रणनीति’ के तहत अब उत्तर प्रदेश बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) का पसंदीदा ठिकाना बन रहा है। वर्तमान में 219 विदेशी कंपनियां राज्य में निवेश प्रक्रिया के सक्रिय चरण में हैं। इनमें कई जापान, कोरिया और ताइवान की प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की नई पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन्वेस्ट यूपी को पूरी तरह से निवेशक-केंद्रित व परिणामोन्मुख संस्था बनाया जाएगा, ताकि विश्वस्तरीय निवेश माहौल (Global Investment Environment) तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब नीतियों के स्तर पर नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर डिलीवरी का उदाहरण बन चुका है। इन्वेस्ट यूपी का यह नया ढांचा राज्य को न सिर्फ निवेश के लिए आकर्षक बनाएगा, बल्कि उद्योगों के तेजी से क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल से उत्तर प्रदेश अब तेजी से भारत का नया इंडस्ट्रियल हब (New Industrial Hub of India) बनता नजर आ रहा है।
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