IT सिटी के लिए जमीन देने वाले किसानों को लॉटरी से मिलेंगे प्लॉट, इस जगह दिए जाएंगे भूखंड
आईटी सिटी के लिए जमीन देने वाले किसानों को लॉटरी से प्लॉट मिलेंगे। यह भूखंड सेक्टर 5 में दिए जाएंगे। लॉटरी सिस्टम से प्लॉट आवंटन होगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी। इस योजना से किसानों को आर्थिक लाभ होगा और क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित होगा।

-लैंड पूलिंग नियम के तहत भूमि स्वामियों के लिए सेक्टर-पांच में दिए जाएंगे भूखंड
-योजना से किसान पथ तक पांच करोड़ रुपये की लागत से बनेगी दो किमी लंबी रोड
जागरण संवाददाता, लखनऊ। आवास विकास परिषद की सौमित्र विहार योजना के बाद अब एलडीए की आइटी सिटी योजना में लैंड पूलिंग नियम के तहत अपनी जमीन देने वाले किसानों को भूखंड आवंटित होंगे। सुलतानपुर रोड व किसान पथ से सीधे कनेक्ट होने वाली आइटी सिटी योजना में 10 सेक्टर विकसित होंगे। ले-आउट के मुताबिक ग्रिड सड़कों का निर्माण शुरू हो गया है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने मंगलवार को योजना का निरीक्षण करके विकास कार्यों का जायजा लिया।
योजना के लिए जमीन देने वाले किसानों को निश्शुल्क विकसित भूखंड आवंटित होंगे। नवंबर माह के अंत तक लाटरी कराई जाएगी। आइटी सिटी 2660 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित की जाएगी। मोहनलालगंज तहसील के ग्राम-बक्कास, सोनई कंजेहरा, सिकंदरपुर अमोलिया, सिद्धपुरा, परेहटा, पहाड़नगर टिकरिया, रकीबाबाद, मोहारी खुर्द, मोहारी कला, खुजौली और भटवारा की जमीन ली जाएगी। उपाध्यक्ष ने बताया, योजना के लिए जमीन जुटाने का काम तेजी से चल रहा है, अभी तक 117 भू-स्वामियों ने अपनी 550 बीघा से अधिक भूमि लैंड पूलिंग के माध्यम से निश्शुल्क देने का आवेदन किया है। उनमें से लगभग 70 बीघा भूमि के एग्रीमेंट डीड भी साइन हो गए हैं।
क्या दी जानकारी?
उन्होंने बताया, योजना में 72 वर्गमीटर से 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल के 10,000 आवासीय भूखंड सृजित होंगे। ग्रुप हाउसिंग के बड़े भूखंड भी नियोजित होंगे। इसे इस तरह विकसित किया जाएगा, ताकि अधिकतम निजी निवेश आकर्षित हो। योजना में लगभग 400 एकड़ इंडस्ट्रियल एरिया व व्यावसायिक गतिविधियों के लिए लगभग 200 एकड़ क्षेत्रफल आरक्षित किया जाएगा।
उपाध्यक्ष ने बताया, योजना में लगभग 200 एकड़ ग्रीन बेल्ट के बड़े भू-भाग में गोल्फ सिटी बनाई जाएगी। 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैली वाटर बाडी योजना को पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी। किसान पथ से योजना के मध्य लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से दो किलोमीटर लंबी कनेक्टिंग रोड बनाई जाएगी, जिसका टेंडर हो गया है। 10 किलोमीटर लंबाई के रोड नेटवर्क का कार्य मौके पर शुरू कराया गया है।
ये है लैंड पूलिंग योजना
लैंड पूलिंग योजना के तहत अपनी शत प्रतिशत जमीन निश्शुल्क देने वाले किसान को योजना में ही 25 प्रतिशत विकसित आवासीय भूखंड दिया जाता, उसकी कीमत वास्तविक भूमि से कई गुणा अधिक होती है। संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह ने बताया, नीति के तहत योजना के लिए भूमि जुटाने का कार्य किया जा रहा है। इसके बाद अर्जन की कार्रवाई होगी, इसके बाद लैंड पूलिंग के आवेदनों पर विचार नहीं होगा। इसलिए जो किसान लैंड पूलिंग का लाभ उठाना चाहते हैं, वे जल्द आवेदन कर सकते हैं।
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