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    Khadi Mahotsav 2021: लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सजा खादी का बाजार, लोगों को लुभा रहा रामदरबार

    By Rafiya NazEdited By:
    Updated: Thu, 21 Oct 2021 02:34 PM (IST)

    इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 16 अक्टूबर से लगे खादी महोत्सव-2021 में इस बार खादी के साथ साथ जूट कुश घास और बांस आदि के इकोफ्रेंडली उत्पाद लोगों को लुभा रहे हैं। बांस से बनाया गया हार इयररिंग कप स्पीकर च्वयनप्राश लैंप और अन्य सजावट का सामान उपलब्ध है।

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    लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में खादी महोत्सव में इकोफ्रेंडली उत्पाद बन रहे लोगों की पसंद।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 16 अक्टूबर से लगे खादी महोत्सव-2021 में इस बार खादी के साथ साथ जूट, कुश घास और बांस आदि के इकोफ्रेंडली उत्पाद लोगों को लुभा रहे हैं। डिवाइन लाइफ हर्बल, बाराबंकी के स्टॉल पर बांस से बनाया गया हार, इयररिंग, कप, स्पीकर, च्वयनप्राश, लैंप और अन्य सजावट का सामान उपलब्ध है। इसके बारे में स्टॉल की संचालिका डॉ अंशुल का कहना है कि यह सभी उत्पाद अगले 5 वर्षों तक खराब नहीं होंगे। बांस के इयररिंग बनाने के लिए बांस के टुकड़ों को पानी में उबाल कर 4-5 घंटे तक धूप में सुखाने के बाद उसे आकार दिया जाता है। खाने वाले सभी उत्पादों में यह खासियत है कि इनमें किसी में भी चीनी या सफेद नमक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सभी उत्पाद जैगरी और हर्बल तरीके से बनाए गए हैं और शरीर के लिए लाभदायक है।

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    पश्चिम बंगाल से आए लक्ष्मी विष्णु मेट बी विंग के बारे में देवाशीष मांझी के पास 80 रुपये के आसन से लेकर 7000 रुपये की कुश के घास की चटाई उपलब्ध है। इस बारे में देवाशीष बताते हैं कि कुश से बनाई गई चटाई पूरी तरह से हाथ से बनी है। इसे बनाने में लगभग 2 महीने का समय लगता है। इसकी खासियत यह है कि अगले 20 वर्षों तक यह खराब नहीं होगी और गर्मियों में ठंडक का अहसास देगी। इसके अलावा उनके पास हाथ से ही बने हुए आसन, रजाई, पर्दे, बैग, टोपी आदि उपलब्ध हैं।

    झांसी से आए भागीरथ प्रजापति ने अपने स्टॉल आदर्श माटी कला सहकारी समिति पर मिट्टी से बने हुए सभी प्रकार के बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई है। यहां पर मिट्टी के ग्लास, प्रेशर कुकर और दाल हांडी की मांग काफी ज्यादा है। भगीरथ कहते हैं की हमारे पास 150 रुपए के मिट्टी के कप से लेकर 1150 रुपए का प्रेशर कुकर तक उपलब्ध है। इसके अलावा यहां पर हमने मिट्टी से ही तवा बनाया है जोकि देखने में बिल्कुल आम तवे जैसा लगता है लेकिन यह नॉन स्टिक है।

    रॉयल हनी एंड बी फार्मिंग सोसाइटी के स्टॉल पर हनी बी और बी वैक्स से बने उत्पाद उपलब्ध है। स्टॉल की खासियत यह है कि यहां पर आम के फूल, अजवाइन, बबूल, यूकेलिप्टस जैसे अलग-अलग फूलों के शहद उपलब्ध हैं। इसके अलावा गिफ्ट के रूप में देने के लिए हैंपर भी तैयार किए गए हैं। इस में शहद, दीया, दर्द निवारक बाम, फ्लोटिंग कैंडल और लिपबाम जैसे उत्पाद शामिल हैं। इनकी कीमत 600 रुपए से 1400 रुपए के बीच है।

    जूट आर्टीशंस गिल्ड के स्टाल पर जूट की च्वेलरी आकर्षण का केंद्र बनी है। यहां पर झूठ से ही बने इयररिंग, गले का हार, मांग टीका का सेट समेत ऐसी तमाम चीजें मिल सकती हैं। इसके बारे में स्टॉल पर बैठी सृष्टि बताती हैं कि हमारी खासियत यह है कि इन सभी उत्पादों को तैयार करने वाली गांव की महिलाएं हैं। इन्हें हम ट्रेनिंग देते हैं ताकि उन्हें भी रोजगार सृजन का एक जरिया मिले।

    खादी महोत्सव में लखनऊ से ही आए केमिकल इंजीनियर फैज ने 'मिट्टी सेÓ नामक स्टॉल लगाया है। इस स्टॉल पर केमिकल मुक्त और इको फ्रेंडली उत्पाद रखे गए हैं जो शरीर पर किसी भी तरह का नुकसान नही करते। इस बारे में फैज कहते हैं कि हमेशा से ही उन्हें प्रकृति के लिए काम करने का मन रहा। पढ़ाई के दौरान उन्होंने जाना कि साबुन, शैंपू, फेस वॉश जैसे तमाम उत्पादों में घातक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में उन्हें लगा कि कुछ ऐसी शुरुआत की जाए जिससे लोगों को केमिकल फ्री प्रोडक्ट मिल सके। उसके बाद उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत की। वह कहते हैं कि यहां पर उपलब्ध किसी भी उत्पाद में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यहां तक कि साबुन को भी पेड़ की पत्तियों में बांधा गया है। इस स्टॉल में गुड़हल, मेथी, आंवला, शिकाकाई, नागरमोथा जैसी चीजों से बनाया गया शैंपू, विभिन्न प्रकार की दालों, गुलाब और बादाम जैसी चीजों से बनाए गया फेस वॉश उपलब्ध हैं। इसके अलावा फ्लोर क्लीनर, लोअर, कुर्ता आदि भी इस स्टॉल पर लोगों को पसंद आ रहे हैं।