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    ललितपुर के जेलर समेत तीन जेलकर्मी सस्‍पेंड, बंदी ज्ञानेंद्र ढाका ने जेल से मांगी थी रंगदारी; तलाशी में मिला मोबाइल

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 10:33 PM (IST)

     ललितपुर जेल में विचाराधीन बंदी ज्ञानेंद्र ढाका के जेल के भीतर से रंगदारी मांगने के मामले को दोषी जेल कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। डीजी जेल पीसी मीणा ने मामले में लापरवाही के दोषी ललितपुर जिला कारागार के जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू व जेल वार्डर आकाश कुशवाहा को निलंबित कर दिया है। 

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ललितपुर जेल में विचाराधीन बंदी ज्ञानेंद्र ढाका के जेल के भीतर से रंगदारी मांगने के मामले को दोषी जेल कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। डीजी जेल पीसी मीणा ने मामले में लापरवाही के दोषी ललितपुर जिला कारागार के जेलर जीवन सिंह, डिप्टी जेलर प्रिंस बाबू व जेल वार्डर आकाश कुशवाहा को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच डीआइजी जेल, कानपुर रेंज को सौंपी गई। डीआइजी की आरंभिक जांच में तीनों जेलकर्मी लापरवाही व ड्यूटी में शिथिलता बरतने के दोषी पाए गए। डीजी ने तीनों के विरुद्ध विभागीय जांच का आदेश भी दिया है।

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    ललितपुर जेल में विचाराधीन बंदी ज्ञानेंद्र बागपत निवासी सीबीएसएम पब्लिक स्कूल के प्रबंधक कृष्णपाल राणा को चार नवंबर की दोपहर फोन कर 20 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। प्रबंधक ने बागपत के दोघट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद ललितपुर जेल से रंगदारी मांगे जाने का मामला सामने आया।

    ललितपुर डीएम सत्यप्रकाश व एसपी मु.मुश्ताक व अन्य अधिकारियों ने गुरुवार को जेल पहुंचकर सघन तलाशी कराई। इस दौरान ज्ञानेंद्र के पास मोबाइल फोन व सिम बरामद हुआ। बागपत निवासी ज्ञानेंद्र हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और उसके विरुद्ध हत्या व लूट समेत अन्य संगीन धाराओं में 28 मुकदमे दर्ज हैं। वह बागपत में हिस्ट्रीशीटर अपराधी प्रवीण उर्फ बबलू की हत्या के मामले में ललितपुर जेल में निरुद्ध है।