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    यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज, बैंक-EPFO को लेटर भेजकर सच्चाई बताएगी पुलिस!

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 04:50 PM (IST)

    लखनऊ में आईबीपीएस क्लर्क परीक्षा में एआई के इस्तेमाल से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह का सरगना एक ग्रामीण बैंक का सहायक मैनेजर है साथ ही यूको बैंक के अधिकारी और ईपीएफओ के क्लर्क भी शामिल हैं। पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है साथ ही फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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    बैंक, ईपीएफओ को पत्र भेजेगी पुलिस, रडार पर कई बैंक कर्मी

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आइबीपीएस) क्लर्क परीक्षा में एआइ और चैट जीपीटी की मदद से सेंधमारी करने वाले गिरोह के राजफाश के बाद पुलिस अब इनकी कुंडली खंगाल रही है। गिरोह का सरगना आनंद यूपी ग्रामीण बैंक का सहायक मैनेजर है जबकि उसका एक साथी यूको बैंक में स्केल वन अफसर, दूसरा ग्रामीण बैंक में क्लर्क और तीसरा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में क्लर्क है।

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    ऐसे में पुलिस अब संबंधित विभागों को पत्र भेजेगी। साथ ही पकड़े गए आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है। तीन फरार आरोपितों की तलाश में कई टीम दबिश में जुटी हैं।

    पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दक्षिण निपुण अग्रवाल ने बताया कि गिरोह के 10 लोगों को जेल भेजा गया है। इसमें सरगना आनंद कुमार, गौरव आदित्य, हर्ष जोशी, भागीरथ शर्मा, सुधांशु कुमार, धनंजय कुमार, राजीव नयन पांडेय, मुकेश कुमार, आशीष रंजन और अभिषेक कुमार शामिल हैं। सरगना के अलावा आरोपित भागीरथ शर्मा यूपी ग्रामीण बैंक में क्लर्क है।

    सुधांशु यूको बैंक में स्केल वन अफसर और मुकेश कुमार ईपीएफओ में क्लर्क है। खुद आरोपितों ने यह जानकारी दी है। ऐसे में इनके तैनाती स्थल पर लखनऊ पुलिस की ओर से पत्र भेज कर विस्तृत जानकारी मांगी जाएगी।

    पुलिस आरोपितों की नौकरी को लेकर भी छानबीन कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि साल्वर गिरोह के यह लोग उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, उत्तराखंड, झारखंड समेत उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों में भी गिरोह चलाते थे। ऐसे में पुलिस इस बिंदु पर भी छानबीन कर रही है। कई बैंक कर्मी भी पुलिस की रडार हैं।

    संबंधित विभाग भी कर सकते हैं कार्रवाई

    माना जा रहा है कि पुलिस से पत्र मिलने के बाद अब संबंधित विभाग भी इनके खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं। इनमें सस्पेंशन से लेकर बर्खास्तगी भी शामिल हैं।

    तीन फरार साल्वर के फोन बंद

    मामले में बिहार के गया निवासी रोहित और योगेंद्र, जहानाबाद का शिव कुमार अब भी फरार हैं। तीनों के मोबाइल भी बंद हैं। पकड़े गए जालसाजों से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस की कई टीमें इनकी तलाश में दबिश दे रही हैं। रोहित अभ्यर्थियों को फंसाकर लाता था उसकी गिरफ्तारी के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा की वह कहां-कहां से अभ्यर्थियों को लेकर आता था।