लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ई-नीलामी से बेची चार अरब की संपत्ति, अब भरने लगा खाली खजाना
लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) का जो खजाना काफी खाली चल रहा था वह अब भरने लगा है। लविप्रा ने 28 दिसंबर को ई-नीलामी के जरिए करीब चार अरब की संपत्ति बेची। यह संपत्ति शहीद पथ स्थित सेंट्रल बिजनेस डेवलेपमेंट (सीबीडी) के रूप में लविप्रा ने विकसित की है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) का जो खजाना काफी खाली चल रहा था, वह अब भरने लगा है। लविप्रा ने 28 दिसंबर को ई-नीलामी के जरिए करीब चार अरब की संपत्ति बेची। यह संपत्ति शहीद पथ स्थित सेंट्रल बिजनेस डेवलेपमेंट (सीबीडी) के रूप में लविप्रा ने विकसित की है। लविप्रा के यहां छह भूखंड है।
लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने संपत्ति अधिकारी अमित राठौर, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह को वाणिज्यिक संपत्तियों को बेचने की जिम्मेदारी दे रखी थी। आनलाइन नीलामी मंगलवार को देर रात तक चली। इसमे सबसे अधिक महंगा भूखंड करीब पांच एकड़ का बिका। सीबीडी क्षेत्र का भूखंड नंबर छह जिसका क्षेत्रफल करीब 25867.58 वर्ग मीटर था, वह अपने मूल कीमत से चालीस लाख रुपये बढ़कर करीब दो अरब बारह करोड़ चौसठ लाख छियासी हजार छह सौ पचहत्तर रुपये में बिका। कुल तेरह संपत्ति बिकी। इससे लविप्रा को करीब चार अरब रुपये आने तय हैं। लविप्रा उपाध्यक्ष ने बताया कि दस जनवरी को एक बार फिर लविप्रा नीलामी के जरिए अपने बेशकीमती भूखंड बेचेगा।
लविप्रा ने नीलामी में कुल 87 संपत्तियां लगाई थी, इनमें तेरह संपत्ति बिक गई। नीलामी के दौरान सीबीडी का भूखंड संख्या एक जो शहीद पथ स्थित प्लासियो माल से लगा हुआ है, वह भी एक अरब एक लाख एक सौ अठाइस रुपये में बिका, यह अपने मूल राशि से चालीस लाख से अधिक धनराशि में बिका। लविप्रा में सीबीडी में 82,052 प्रति वर्ग मीटर का रेट रखा है। इसके अलावा कुछ भूखंड लविप्रा सिंगल बिड आने पर भी दिया है। खासबात रही कि सभी भूखंड अपने मूल कीमत से बढ़कर बिके।

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