यूपी में पहले भी दहशतगर्दों की शरणस्थली बन चुके हैं राजधानी के होटल, इन आतंकियों ने भी बनाया था ठिकाना
लखनऊ में दिल्ली विस्फोट कांड के आरोपियों के संबंध सामने आने के बाद होटलों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। पहले भी कई आतंकी और मतांतरण के सरगना राजधानी के होटलों को अपनी साजिशों के लिए इस्तेमाल कर चुके हैं। एटीएस और खुफिया एजेंसियां मामले की जांच क रहीर हैं और शहर में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

पहले भी दहशतगर्दों की शरणस्थली बन चुके हैं राजधानी के होटल।
संतोष तिवारी, लखनऊ। दिल्ली विस्फोट कांड में शामिल डॉ. शाहीन और परवेज के परिचित लगभग दो महीने पहले चारबाग के एक होटल में रुके थे। शनिवार को आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने होटल में छापेमारी कर कई साक्ष्य एकत्रित किए। इस राजफाश के बाद एक बार फिर राजधानी के होटलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है।
यह पहली बार नहीं है जब इन होटलों में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के रुकने की पुष्टि हुई हो। इसके पहले भी कई बार आतंक, मतांतरण के सरगना अपनी साजिशों के लिए होटलों को शरणस्थली बना चुके हैं।
हाल ही में मतांतरण के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके गिरोह का एसटीएफ ने राजफाश किया था। इसके बाद मामले की विवेचना एटीएस ने शुरू की। जांच में सामने आया कि छांगुर लगभग दो महीने तक खुर्रम नगर के स्टार रूम्स होटल में रुककर यहां लड़कियों के मतांतरण का ताना-बाना बुन रहा था।
एटीएस की एक टीम ने होटल में छापेमारी कर स्टाफ से पूछताछ भी की थी। रजिस्टर, सीसी कैमरों की फुटेज भी अपने कब्जे में ली थी। बाद में इसे जांच में भी शामिल किया गया। इसी तरह कुछ दिनों पूर्व नाका के मेजबान होटल में भी खूंखार आतंकी के ठहरने की सूचनाएं मिली थी। इस पर एटीएस ने छापेमारी कर यहां से साक्ष्य एकत्रित किए थे।
छानबीन के दौरान स्टाफ ने भी होटल में आतंकी के ठहरने की पुष्टि की थी। अब दिल्ली ब्लास्ट में शामिल लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन और उसके भाई डा. परवेज के कुछ परिचितों के चारबाग स्थित होटल में ठहरने की जानकारी सामने आई है। इस जानकारी के राजफाश के बाद स्थानीय लोग भी दहशत में हैं।
एटीएस के साथ ही लोकल इंटेलिजेंस, लखनऊ पुलिस भी इन संदिग्धों के बारे में जानकारी जुटा रही है। इंटेलिजेंस यूनिट की तरफ से भी सतर्कता बरती जा रही है। अधिकारियों ने शहर के सभी थानेदारों को विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।
जिला जेल में बंद हैं लगभग 18 आतंकी
गोसाईगंज स्थित जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में 18 आतंकी बंद हैं। इनमें से कई आतंकी ऐसे हैं जिनके पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ चुके हैं। इन आतंकियों को एनआइए, एटीएस, एसटीएफ ने विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया था।
इन आतंकियों ने भी बनाया था लखनऊ को ठिकाना
- 21 मई 2005:- एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी सादात रशीद व इरफान को पकड़ा था।
- 28 दिसंबर 2006- कैसरबाग से पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के सदस्य अब्दुल शकूर और अदील दबोचे गए।
- 23 जून 2007- हूजी का कमांडर बाबू भाई अपने साथी नौशाद के साथ पकड़ा गया।
- 16 नवंबर 2007- एसटीएफ ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन एजेंट दबोचे गए।
- 16 नवंबर 2009- जासूस आमिर अली लखनऊ से पकड़ा गया।

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