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    यूपी में स्वास्थ्य सेवा में नई पहल, निजी हाथों में सौंपी जाएंगी 15 CHC, मिलेगी बेहतर सुविधा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 09:56 PM (IST)

    यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को पीपीपी मॉडल के माध्यम से चलाने का निर्णय लिया है। निजी सेवा प्रदाता इन सीएचसी को 30 बेड के एफआरयू के रूप में विकसित करेंगे जहाँ वे डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को तैनात करेंगे। यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।

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    सुदूर क्षेत्रों की 15 सीएचसी पीपीपी माध्यम से होंगी संचालित।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को सार्वजनिक निजी सहभागिता (पीपीपी) के माध्यम से चलाएगी इन सीएचसी पर डाक्टरों व कर्मचारियों की कमी के कारण ग्रामीणों को इलाज में दिक्कत हो रही थी।

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    अब निजी सेवा प्रदाता इन सीएचसी को 30 बेड की प्रथम संदर्भन इकाईयों (एफआरयू) के रूप में विकसित करेंगे। वहां डाक्टर से लेकर अन्य कर्मचारी की तैनाती करके इनका संचालन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

    स्वास्थ्य विभाग के अनुसार निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को निविदा के माध्यम से सभी सीएचसी ''''जैसा है जहां है'''' की स्थिति में 30 वर्ष के लिए अनुबंध पर दी जाएंगी। उन्हें कोई भी कर्मचारी हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।

    सेवा प्रदाता को ओपीडी, जांच की सुविधा, मरीजों की भर्ती और दवा मुफ्त उपलब्ध कराना होगा। इन सेवाओं के लिए उसे हर महीने भुगतान सीएचसी के संचालन की तिथि से दिया जाएगा। ये भुगतान आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन इलेक्ट्रानिक स्वास्थ्य रिकार्ड के माध्यम से बने चालान पर दिया जाएगा।

    स्वास्थ्य बीमा वाले मरीजों के भर्ती होने के बाद का खर्च तय सीमा से अधिक होगा, तो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की दरों से उसकी कमी पूरी की जाएगी सेवा प्रदाता को मरीजों को दवाएं नि:शुल्क देनी होंगी, इसके लिए कोई भुगतान स्वास्थ्य विभाग नहीं करेगा।

    सीएचसी हस्तांतरित होने के बाद सेवा प्रदाता को अपने खर्च पर 30 बेड के एफआरयू की स्थापना और संचालन करना होगा। स्वास्थ्य देखभाल के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी निर्धारित मानकों के अनुसार करनी होगी।

    राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) और राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) प्रमाण पत्र सीएचसी की संचालन तिथि के छह माह के अंदर लेना होगा। बिजली, पानी, गैस सहित सभी बुनियादी ढांचे का संचालन अपने खर्च पर करना होगा।

    इन सीएचसी को किया जाएगा विकसित

    महाराजगंज की सीएचसी अड्डा बाजार, सोनभद्र की बभनी, गोरखपुर की बेलघाट, चंदौली की भोगवारा, खीरी की चंदन चौकी, श्रावस्ती की मल्हीपुर, लखनऊ की नगराम, बलरामपुर की नंद नगर खजुरिया, चित्रकूट की राजपुर, सिद्धार्थ नगर की सिरसिया, बलिया की सुखपुरा, कुशीनगर रकी तुरकहा, बहराइच की विश्वेश्वरगंज, फतेहपुर की हाजीपुर

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