UPPTCL का लाभांश बढ़ा, बिजली महंगी होने पर अब रेलवे और NPCL को भी देने होंगे ज्यादा पैसे
लखनऊ विद्युत नियामक आयोग ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन का लाभांश बढ़ाया है जिससे पावर कॉरपोरेशन पर अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। रेलवे जैसे बड़े उपभोक्ताओं को अब ट्रांसमिशन चार्ज देना होगा। माना जा रहा है कि जल्द ही बिजली की नई दरें घोषित होंगी जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ने की संभावना है। उपभोक्ता परिषद ने निजी की बजाय ट्रांसमिशन कारपोरेशन से ही प्रोजेक्ट बनवाने का आग्रह किया है।

-आयोग ने पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन का लाभांश दो से बढ़ाकर किया 14.5 प्रतिशत
-रेलवे, एनपीसीएल जैसे बड़े बिजली उपभोक्ताओं को भी अब देना होगा ट्रांसमिशन चार्ज
राज्य ब्यूरो, लखनऊ । विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीटीसीएल) के लाभांश को दो प्रतिशत से बढ़ाकर 14.5 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही ओपेन एक्सेस के तहत मुफ्त में ट्रांसमिशन लाइनों का उपभोग करने वाले रेलवे जैसे बड़े उपभोक्ताओं से भी अब ट्रांसमिशन चार्ज (पारेषण शुल्क) लिए जाने का आदेश दिया है।
पारेषण निगम का लाभांश बढ़ने से पावर कारपोरेशन पर करीब 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आने से भविष्य में बिजली की दरों में बढ़ोतरी होना तय है। पारेषण निगम और यूपीएसएलडीसी(उत्तर प्रदेश स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर) के वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता(एआरआर) पर आयोग द्वारा सोमवार को शुल्क तय किए जाने के बाद माना जा रहा है कि इसी माह उपभोक्ताओं के लिए बिजली की नई दरें भी घोषित कर दी जाएंगी।
प्रति मेगावाट प्रति माह की दर से ट्रांसमिशन चार्ज तय
आयोग ने पहली बार प्रति यूनिट ट्रांसमिशन चार्ज के बजाय प्रति मेगावाट प्रति माह की दर से ट्रांसमिशन चार्ज तय किया है जिससे ट्रांसमिशन कारपोरेशन की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। रेलवे और नोएडा पावर कंपनी लि.(एनपीसीएल) जैसे ओपेन एक्सेस वाले बड़े उपभोक्ताओं को भी अब ट्रांसमिशन लाइनों के इस्तेमाल के लिए 2,13,284 रुपये प्रति माह प्रति मेगावाट की दर से शुल्क देना होगा।
इससे पावर कारपोरेशन के लगभग चार सौ करोड़ रुपये बचेंगे। हालांकि, लाभांश बढ़ने से पावर कारपोरेशन का वित्तीय भार 247 करोड़ से बढ़कर 1797 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यही कारण है कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। ओपन एक्सेस के छोटे उपभोक्ताओं को 26.74 पैसे प्रति यूनिट की दर से चार्ज देना होगा।आयोग ने ट्रांसमिशन कारपोरेशन का 5,442.82 करोड़ रुपये का एआरआर और प्रतिस्पर्धात्मक निविदा (टीबीसीबी) प्रोजेक्ट में 2,294.39 करोड़ रुपये अनुमोदित किया है।
आयोग ने 678.09 रुपये प्रति मेगावाट प्रतिमाह यूपीएसएलडीसी का भी शुल्क तय किया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आदेश के बाद आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात की। प्रस्ताव दाखिल कर कहा कि 500 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को निजी के बजाय ट्रांसमिशन कारपोरेशन से ही बनवाने की व्यवस्था की जाए।
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