मलिन बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में आजाद समाज पार्टी ने दिया धरना, मालिकाना हक देने की मांग
लखनऊ में हैदर कैनाल के पास मलिन बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में आजाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने परिवर्तन चौक पर धरना दिया। कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि वर्षों से यहां रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिया जाए। उनका कहना है कि विकास परियोजना के नाम पर लाखों गरीब परिवारों को बेघर किया जा रहा है जो कि गलत है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ । हैदर कैनाल के पास मलिन बस्तियों को उजाड़ने के विरोध में गुरुवार को आज़ाद समाज पार्टी के कार्य कर्ताओं ने परिवर्तन चौक पर धरना दिया। वर्षों से रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास के जाने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस ने समझा कर वापस कर दिया।
पार्टी के प्रदेश सचिव अनिकेत धानुक ने कहा कि गयासुद्दीन हैदर कैनाल क्षेत्र में लगभग सात लाख दलित–बहुजन एवं वंचित परिवार पिछले 100 वर्षों से निवास कर रहे हैं। यहां की 90 प्रतिशत आबादी मेहनतकश, दलित और गरीब वर्ग से आती है, जो नियमित रूप से हाउस टैक्स, बिजली बिल एवं जलकर अदा करती है।वर्तमान में 2270 करोड़ रुपये की विकास परियोजना के अंतर्गत इन बस्तियों को हटाने की योजना बनाई गई है।
लाखों गरीब परिवार हो जाएंगे बेघर
यह निर्णय न केवल लाखों गरीब परिवारों को बेघर कर देगा, बल्कि कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना (2007–2012) के प्रावधानों का भी उल्लंघन होगा। योजना के अनुसार, यदि कोई परिवार किसी भूमि पर 10 वर्ष या उससे अधिक समय से रह रहा है, तो उसे विस्थापित करने के बजाय उसी स्थल पर 30 मीटर का पट्टा रजिस्ट्री करके मालिकाना हक़ दिया जाना चाहिए। मुख्य मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में हैदर कैनाल क्षेत्र की बस्तियों को तोड़े जाने की कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।
वहां निवासरत सभी परिवारों को कांशीराम स्लम एरिया मालिकाना हक योजना के अंतर्गत मालिकाना हक़ प्रदान किया जाए। विकास परियोजना को इस प्रकार संशोधित किया जाए कि यहां की ऐतिहासिक बस्तियों और लाखों परिवारों का जीवन सुरक्षित रह सके। धरने में अजय आनंद, शुभम, अखिलेश जाटव व सोनू समेत बस्ती के लोग शामिल हुए।
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