Updated: Wed, 08 Oct 2025 09:18 AM (IST)
लखनऊ में नसबंदी वाले कुत्तों को नगर निगम नहीं पकड़ेगा भले ही वे किसी को दौड़ाएं या भौंकें। यह निर्णय रायबरेली रोड पर एक मजदूर पर कुत्तों के हमले के बाद लिया गया। एनिमल वेलफेयर बोर्ड के अनुसार नसबंदी वाले कुत्तों को नहीं पकड़ा जा सकता। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुत्तों को खाना देने से वे मुसीबत बन गए हैं।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। अगर कुत्ते की नसबंदी हो चुकी है और वह किसी वाहन सवार को दौड़ाता है, किसी पर भौंकता-गुर्राता है तो नगर निगम ऐसे कुत्तों को नहीं पकड़ेगा। दो साल पुराना आदेश अब सामने आया है, जब दो अक्टूबर की सुबह रायबरेली रोड एल्डिको उद्यान टू में साइकिल से जा रहे मजदूर पर कुत्तों के झुंड ने हमला बोलकर उसे घायल कर दिया था।
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नगर निगम की टीम कुत्तों को पकड़ने गई थी, लेकिन डाग लवर्स ने पुणे की एक घटना का जिक्र करते हुए नगर निगम को एनिमल्स वेलफेयर बोर्ड का आदेश थमा दिया। नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. अभिनव वर्मा कहते हैं कि पुणे में नगर निगम ने शिकायत के आधार पर पांच नसबंदी वाले कुत्तों को पकड़ने के लिए वैन भेजी थी।
एनिमल्स रेस्क्यू ट्रस्ट की तरफ से मेल पर यह बताया गया कि एनिमल्स बर्थ कंट्रोल रूल्स के तहत अगर कुत्ते की नसबंदी हो चुकी है तो भौंकने-गुर्राने या वाहन के पीछे दौड़ने पर उसे पकड़ा नहीं जाएगा। यह मामला जुलाई 2023 का है। इसलिए ऐसी स्थिति में नगर निगम यह परीक्षण करेगा कि कुत्ते की नसबंदी हुई है या नहीं, उसने किसी को काटा है या नहीं।
अगर नसबंदी नहीं हुई है तो पकड़ा जाएगा और नसबंदी व टीकाकरण के बाद उसे उसी जगह छोड़ा जाएगा, जहां से पकड़ा गया था। दरअसल, दो अक्टूबर की सुबह शीतल खेड़ा निवासी रायबरेली एल्डिको उद्यान टू की तरफ साइकिल से जा रहे थे तो कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला बोल दिया था। कुत्तों ने उन्हें नोंच लिया। गिरने से वे बुरी तरह घायल हो गए थे।
स्थानीय निवासियों का कहना था कि कालोनी के दो दिन लोगों ने आवारा कुत्तों को संरक्षण दे रखा है। हर किसी ने कुत्तों को पकड़ने की मांग की थी। नगर निगम की टीम गई थी, लेकिन उसे बैरंग लौटना पड़ा था।
कालोनी के निवासी दहशत में निकलते हैं एल्डिको उद्यान टू कालोनी के दो मकानों के बाहर इन कुत्तों को खाना दिया जाता है, जो हर किसी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। नगर निगम नियमों की दुहाई देकर कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है लेकिन लोगों के लिए कुत्ते मुसीबत बन गए हैं।
कालोनी के लोगों का कहना है कि ऐसे नियमों से क्या होगा, जब लोगों ही सुरक्षित न रहें। नगर निगम आदेशों का नहीं करा पा रहा पालन अगर आप कुत्ते को भोजन देते हैं तो फीडर जोन में ही देना होगा। नगर निगम की लापरवाही से यह संभव नहीं हो पा रहा।
फीडिंग जोन ऐसी जगह होने चाहिए, जहां से लोगों का आवागमन न हो। खासकर बच्चों और बुजुर्गों का आना-जाना कम हो। इसी तरह किसी जगह प्रवेश और निकास द्वार के निकट न हो। यह निशान होता है अगर कुत्ते की नसबंदी हो गई है तो उसके बाएं कान का थोड़ा सा भाग काट दिया जाता है।
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