लखनऊ के इस इलाके की बिजली आपूर्ति सुधरेगी, 20 करोड़ की लागत से बनेंगे दो नए उपकेंद्र
लखनऊ के गोमती नगर में 20 करोड़ रुपये की लागत से दो नए बिजली उपकेंद्र बनाए जाएंगे जिससे 45 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा। विशेष खंड और विनम्र खंड में बनने वाले इन उपकेंद्रों से बिजली आपूर्ति सुधरेगी और उपभोक्ताओं को रोस्टिंग से निजात मिलेगी। यह परियोजना गोमती नगर में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। गोमती नगर में बीस करोड़ की लागत से दो नए बिजली उपकेंद्र बनाए जाएंगे। विशेष खंड व विनम्र खंड में दो नए बिजली उपकेंद्र बन जाने के बाद गोमती नगर के सभी छह बिजली उपकेंद्रों के 45 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली मिल सकेगी। वर्तमान में बिजली की डिमांड बढ़ते ही कोई न कोई तकनीकी गड़बड़ी आ जाती थी।
अभियंता भी बिजली की डिमांड ज्यादा होने पर रोस्टिंग करके पीक सीजन में बिजली उपभोक्ता को देते थे। अब इससे निजात मिल जाएगी। वर्तमान में गोमती नगर के विपिन खंड, मंत्री आवास, ग्वारी, विश्वास खंड, विराज खंड व विभूति खंड बिजली उपकेंद्र अपनी पूरी क्षमता से चल रहे हैं।
इन बिजली उपकेंद्रों में स्थान भी नहीं बचा था कि अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर रखे जाए। इसलिए दो नए बिजली उपकेंद्र प्रस्तावित किए गए थे। इन पर काम भी शुरू हो गया है।
गोतमी नगर खंड के अधिशासी अभियंता धीरज यादव ने बताया कि विशेष खंड में 750 वर्ग मीटर और विनम्र खंड में 1200 वर्ग मीटर के बिजली उपकेंद्र बनाए जाएंगे। इनके बन जाने के बाद आने वाले आठ से दस साल तक बिजली की समस्या गोमती नगर क्षेत्र में नहीं रहेगी।
जो बिजली उपकेंद्र थोड़ा सा ओवरलोड हो जाते हैं, उनका लोड इन नए बिजली उपकेंद्रों पर स्थानांतरित किया जाएगा। यादव के मुताबिक तीन माह में टेंडर प्रकिया पूरी करने के बाद काम दिसंबर 2025 के अंत से शुरू कर दिया जाएगा।
उद्देश्य है कि मई 2026 तक बिजली उपकेंद्र उपभोक्ता के लिए शुरू किए जा सके। यह दोनों नए बिजली उपकेंद्र दो गुणे दस एमवीए पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता के बनाए जाएंगे। भविष्य में इनमें अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर रखने की भी व्यवस्था होगी। इन दोनों बिजली उपकेंद्र को बिजनेस प्लान योजना के अंतर्गत बनाया जा रहा है।
हर साल बढ़ रही है बिजली की डिमांड
गोमती नगर में बिजली की डिमांड हर साल बढ़ रही है। यहां अपार्टमेंट, नए शापिंग काम्लेक्स के अलावा आवासीय परिसरों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने से बिजली की डिमांड दोगुना हो गई है। ऐसे में जिनका बिजली कनेक्शन का लोड तीन किलोवाट था, उन्होंने पांच से दस किलोवाट तक करा लिया है। यही नहीं वाणिज्यिक कनेक्शनों की संख्या में पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी भी हुई है।
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