उत्तर प्रदेश में खेती करना होगा अब और भी आसान! योगी सरकार ने कर दिया ये बड़ा एलान
उत्तर प्रदेश का कृषि विभाग राजस्थान की तरह सोशल मीडिया का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है। व्हाट्सएप यूट्यूब इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी जानकारी मौसम की सलाह और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी। कृषि विभाग इस एग्री इंटरनेट मॉडल का अध्ययन कर रहा है ताकि इसे प्रदेश में लागू किया जा सके और किसानों को सीधा लाभ मिल सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कृषि विभाग अब राजस्थान की तरह इंटरनेट मीडिया के उयोग की तैयारी कर रहा है। पड़ोसी राज्य में वाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्म का उपयोग किसान और कृषि को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
इस व्यवस्था में किसानों को विभिन्न सूचनाएं, कृषि व मौसम संबंधी सलाह, तकनीकी जानकारी और बाजार उपलब्ध कराया जाता है। पिछले दिनों राजस्थान के अधिकारियों से इस पहल की जानकारी ली गई थी। कृषि विभाग अब इस एग्री इंटरनेट माडल का अध्ययन कर रहा है और प्रदेश में लागू करने की रूपरेखा तैयार कर रहा है।
केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक खेती-किसानी को प्राथमिकता दे रही हैं। राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में किसानों के वाट्सएप ग्रुप बनवाए गए हैं। इन ग्रुप्स पर स्थानीय अधिकारी, कृषि विशेषज्ञों आदि को भी जोड़ा जाता है और किसानों की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों को नई तकनीक और उपकरणों का प्रयोग सिखाने के लिए विभाग के स्तर पर यूट्यूब चैनल की भी व्यवस्था की गई है। इन पर विशेषज्ञों द्वारा कृषि तकनीक की जानकारी दी जाती है और लाइव प्रदर्शन कर उपकरणों के प्रयोग का तरीका समझाया जाता है।
किसानों को उपभोक्ताओं को सीधे उत्पाद बेचने की सुविधा देने के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म का भी उपयोग शुरू किया गया है। इसमें बिचौलियों की भूमिका न होने व सीधे उपभोक्ता से संपर्क के चलते किसानों को अपनी उपज अधिक लाभ मिलने की संभावना रहती है।
इस माडल को समझाने के लिए पिछले माह राजस्थान के कृषि अधिकारी राजधानी आए थे और उन्होंने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के सामने वहां किए जा रहे नवाचारों की प्रस्तुति दी थी। कृषि मंत्री ने इस माडल को प्रदेश में भी व्यापक रूप से अपनाने के निर्देश दिए हैं।
जिसके बाद पड़ोसी राज्य की संबंधित पहल के प्रभाव और परिणाम संबंधी विवरण लिया गया है। विभाग माडल को समझने के लिए अधिकारियों की एक टीम भी राजस्थान भेजने पर विचार रहा है। जिससे जल्द से जल्द रूपरेखा तैयार कर यहां भी कृषि और किसानों के लिए इंटरनेट मीडिया के उपयोग की शुरुआत की जा सके।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।