Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Yogi Cabinet Meeting: यूपी में बनेंगे सभी जरूरी इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 03:34 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाना है। इस नीति से मोबाइल लैपटॉप जैसे उपकरणों के कंपोनेंट्स प्रदेश में ही बनेंगे जिससे लागत घटेगी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह नीति केंद्र सरकार की योजना के अनुरूप है और अगले छह सालों तक लागू रहेगी।

    Hero Image
    अब प्रदेश में बनेंगे सभी जरूरी इलेक्ट्रानिक्स उपकरण।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में अभी तक मोबाइल, लैपटाप जैसे कई उत्पादों के निर्माण में जिन जरूरी उपकरणों को बाहर से आयात करना पड़ता था, अब वे यहीं पर तैयार होंगे। कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को मंजूरी दे दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस नीति से प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनेगा। इससे न केवल उत्पादन तेज होगा, बल्कि रोजगार और निर्यात के नए अवसर भी मिलेंगे। साथ ही उत्पाद सस्ते होंगे, आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होंगे।

    कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस नीति के लागू होने से मोबाइल, लैपटाप और अन्य इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के लिए जरूरी कंपोनेंट्स जो बाहर से मंगाए जाते थे वे सभी प्रदेश में ही बनने लगेंगे।

    वहीं, विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव ने कहा कि यह नीति केंद्र सरकार की इलेक्ट्रानिक्स घटक विनिर्माण योजना-2025 के अनुरूप बनाई गई है और अगले छह सालों तक लागू रहेगी। इसमें निवेश करने वाले उद्यमियों को राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय योजनाओं के बराबर अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।

    इस योजना पर लगभग 5,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके जरिये प्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स उद्योग का इकोसिस्टम मजबूत होगा, सप्लाई चेन सशक्त बनेगी और अनुसंधान व नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।

    उन्होंने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है और इसमें उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे ज्यादा है। देश में बनने वाले मोबाइल का लगभग 60 प्रतिशत उत्पादन यहीं होता है। वर्ष 2014-15 में देशभर में जहां सिर्फ 1.9 लाख करोड़ रुपये के इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद बनते थे।

    वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मोबाइल उत्पादन में भी जबरदस्त उछाल आया है। 2014-15 में जहां 18 हजार करोड़ रुपये का उत्पादन था, वहीं अब यह बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश से करीब 3,000 करोड़ रुपये के इलेक्ट्रानिक्स हार्डवेयर का निर्यात भी किया गया।

    प्रदेश में बनेंगे ये कंपोनेंट्स

    नई नीति के तहत प्रदेश में कुल 11 तरह के इलेक्ट्रानिक्स उपकरण और उनके पार्ट्स तैयार किए जाएंगे। इसमें डिस्प्ले माड्यूल सब-असेंबली, कैमरा माड्यूल सब-असेंबली, मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, हाई-डेंसिटी इंटरकनेक्ट (एचडीआइ ), फ्लेक्सिबल पीसीबी और लिथियम-आयन सेल्स का निर्माण होगा।

    साथ ही नान-सरफेस माउंट डिवाइस (नान-एसएमडी), पैसिव कंपोनेंट्स, इलेक्ट्रो-मैकेनिकल पार्ट्स और आईटी हार्डवेयर उत्पादों के एनक्लोज़र भी यहां बनाए जाएंगे। प्रदेश में कैपिटल गुड्स और सप्लाई चेन उपकरणों को भी विकसित किया जाएगा, ताकि इलेक्ट्रानिक्स निर्माण के लिए जरूरी मशीनरी, उसके सब-असेंबली और पार्ट्स यहीं तैयार हो सकें।

    comedy show banner