यूपी में एसआईआर पर राजनीति तेज, कांग्रेस ने गिना दी एक-एक खामी
लखनऊ में एसआईआर अभियान चल रहा है, जिसमें कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नए बीएलओ की तैनाती से मतदाताओं को परेशानी हो रही है। उनके पास पुरानी मतदाता सूची भी नहीं है। जिला निर्वाचन कार्यालय का दावा है कि पर्याप्त बीएलओ हैं और समय पर लक्ष्य पूरा हो जाएगा। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित होगी।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। चार नवंबर से शुरू हुआ विशेष सघन पुनरीक्षण अब तेजी पकड़ रहा है।प्रशासन जहां सब कुछ पटरी पर होने का दावा कर रहा है वहीं इस मामले में राजनीति भी हो रही है। कांग्रेस का आरोप है कि कई बूथों पर नए बीएलओ तैनात कर दिए गए हैं जिनको इलाके के भूगोल का ही नहीं पता है जिससे समस्या हो रही है। वहीं यह भी आरोप है कि कुछ बीएलओ के पास अब तक पुरानी मतदाता सूची नहीं है और आनलाइन खोजने में बहुत समय लग रहा है।
चार दिसंबर तक लखनऊ के करीब चालीस लाख मतदाताओं तक बीएलओ को फार्म का वितरण करना है जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा करीब चार हजार 3789 बीएलओ लगाए गए हैं। उपजिला निर्वाचन अधिकारी शुभि सिंह का दावा है कि घर घर फार्म पहुंचाने के लिए पर्याप्त संख्या में बीएलओ हैं।जो समय आयोग ने निर्धारित कर रखा है उस समय के भीतर ही लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव का कहना है कि शनिवार को डीएम के साथ बैठक में भी मतदाता सूची होने की बात कही थी। इसके अलावा कुछ बीएलओ ऐसे हैं जो नए हैं उनको इलाकोे के बारे में जानकारी नहीं है। इस वजह से घर खोजने में समस्याएं हो रही हैं।
वहीं लखनऊ में एसआइआर की प्रक्रिया की लगातार निगरानी हो रही है। डीएम खुद लगातार फील्ड पर निकलकर मतदाताओं मिल रहे हैं इसके अलावा कमांड कंट्रोल सेंटर से लगातार पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है।
कैसे चलेगी पूरी प्रक्रिया
- चार नवंबर से चार दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करेंगे और भरवाकर वापस लेंगे।
- नौ दिसंबर को मतदाता मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
- सूची पर दावे और आपत्तियां नौ दिसंबर से आठ जनवरी तक प्राप्त की जाएंगी तथा निस्तारण 31 जनवरी तक पूरा होगा।
- अंतिम मतदाता सूची सात फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी।

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