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    यूपी के कई जिलों में फैला जाल, छह बैंक मैनेजर समेत 12 एजेंट STF की रडार पर… ठगों के उड़े होश, क्या है मामला

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:51 AM (IST)

    लखनऊ में यूनियन बैंक के मैनेजर को करोड़ों के लोन घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। मैनेजर गौरव सिंह और उसके साथियों पर फर्जी दस्तावेजों से लोन कराकर पैसे हड़पने का आरोप है। पूछताछ में 18 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए हैं। गिरोह 12 जिलों में फैला है और इसमें कई बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है।

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    छह बैंक मैनेजर समेत 12 एजेंट एसटीएफ के रडार पर, 12 से ज्यादा जिलों में फैला जाल

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से लोन करवाकर करोड़ों रुपये हड़पने वाले यूनियन बैंक के मैनेजर गौरव सिंह को तीन ठगों के साथ रविवार को गिरफ्तार किया गया था।

    पूछताछ में बैंक मैनेजर ने 18 से अधिक लोगों के नाम बताए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि गिरोह का नेटवर्क 12 से अधिक जिलों में फैला हुआ है। एसटीएफ सीडीआर खंगाल रही है।

    यह है पूरा मामला

    एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक, बैंक मैनेजर गौरव सिंह ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2021 में जानकीपुरम शाखा के प्रमुख के पद पर उनकी तैनाती हुई थी, जहां उनकी मुलाकात नावेद, अखिलेश तिवारी, इंद्रजीत और आमिर एहसन से हुई थी।

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    इन लोगों की मदद से उन्होंने गिरोह बनाकर रुपये हड़पने का काम शुरू कर दिया था। अन्य आरोपितों ने बताया कि गिरोह के सदस्यों के बीच काम बंटा हुआ था और यह एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहा था। इसमें कई बैंकों के शाखा प्रबंधक शामिल थे।

    गौरव सिंह ने एसटीएफ को बताया कि गिरोह में उनकी पत्नी कीर्ति शर्मा के अलावा एक पूर्व शाखा प्रबंधक, विकास नगर स्थित एक बैंककर्मी, सरोजनीनगर की एक शाखा प्रबंधक और बिरहाना रोड स्थित एक बैंक के लोन मैनेजर प्रमुख रूप से शामिल हैं।

    इसके अलावा, करीब दो दर्जन से अधिक एजेंट हैं जो इंद्रजीत, आमिर, नावेद और अखिलेश के संपर्क में रहते हैं और मिलकर पूरा गिरोह संचालित कर रहे हैं। एसटीएफ ने बताया कि अलग-अलग जिलों में गिरोह के बारे में जानकारी दी गई है और अगर वहां से कोई इनपुट मिलता है, तो उस पर भी काम किया जाएगा।

    एसटीएफ अब गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है और इलेक्ट्रानिक डिवाइसों का फोरेंसिक परीक्षण कराने की तैयारी कर रही है।

    यह लोन पूछताछ में आए सामने

    गिरोह के सदस्यों ने नीरज के नाम से 8.30 लाख रुपये का लोन जनरेटर खरीदने के लिए, अवध मशीन को 25 लाख रुपये जनरेटर सप्लाई के लिए, केंद्रीय एनर्जी के नाम से 25 लाख रुपये, जनरेटर के नाम 25 लाख, ग्रीन मशीन के नाम 15 लाख, राहुल इंटरप्राइजेज के नाम मिक्सर प्लांट के लिए 25 लाख, सुप्रीम इंजन के नाम 24 लाख, अनिल कुमार के नाम 11.30 लाख, आमिर एहसन के नाम 8.30 लाख, अजय कुमार के नाम सीमेंट मिक्सर के लिए पांच लाख और कार के लिए दस लाख, अमाफ फर्नीचर के नाम 25 लाख, यूपी रेफ ट्रक के लिए 23 लाख, रितेश जायसवाल के नाम 14.50 लाख, राजबहादुर के नाम फर्नीचर दुकान के लिए 9.50 लाख और पिकअप के लिए 15 लाख रुपये, राकेश कुमार के नाम सैलून खोलने के लिए चार लाख, महेंद्र पांडेय के नाम फ्लेक्स प्रिंटर के लिए नौ लाख, शिव प्रकाश सिंह के नाम मशीनरी खरीदने के लिए नौ लाख, इंद्रजीत सिंह के नाम सब्जी मंडी में दुकान के लिए नौ लाख, गणपति इंटरप्राइजेज के नाम से 22 लाख कपड़ा कारोबार के लिए और एलीट पावर सॉल्यूशन के नाम से लोन हाल ही में पास करवाए थे।

    इन सभी फर्जी लोन के लिए प्रयुक्त दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, उद्यम पंजीकरण, इनवाइस, रेंट एग्रीमेंट, बीमा और पोस्ट इंस्पेक्शन रिपोर्ट आदि अधिकतर नकली बनाए गए थे। इसी कारण गौरव को जानकीपुरम से हटाकर विकासनगर ब्रांच में लोन मैनेजर के पद पर तैनात कर दिया गया था।