Lucknow News: इलेक्ट्रानिक गोदाम-मकान में लगी भीषण आग, आठ घंटे बाद भी नहीं पाया जा सका काबू
उत्तर प्रदेश की राजधानी में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां लखनऊ के लाटूश रोड पर एक इलेक्ट्रॉनिक गोदाम और मकान में भीषण आग लग गई। आग इतनी भयानक थी कि इसे बुझाने में दमकलकर्मियों को आठ घंटे से अधिक समय लग गया। आग से लाखों रुपये का सामान जलकर राख हो गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। लाटूश रोड पर गुरुवार सुबह नौ बजे कारोबारी संजय जायसवाल के मकान की चौथी मंजिल पर बने गोदाम में आग लग गई। धुआं निकलता देख कारोबारी परिवार ने आननफानन बाहर भागकर जान बचाई। इसके बाद आसपास के लोगों की मदद से दमकल को सूचना दी। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाना शुरु किया तो प्लास्टिक होने के कारण आग तेजी से फैलने लगी।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी(सीएफओ) मंगेश कुमार ने बताया कि डबल बेसमेंट होने से आग बुझाने में मुश्किल का सामना करना पड़ा है। करीब आठ घंटे रेस्क्यू चलाकर आग पर काबू पाया गाया है। इस दौरान 12 गाड़ियों ने मिलकर 50 से ज्यादा चक्कर लगाए।
सीएफओ ने बताया कि सुबह 10 बजे आग लगने की सूचना ही मौके पर पहुंचे तो देखा कि प्लास्टिक गोदाम में आग लगी है। उससे निकलने वाला धुएं से इलाके में मौजूद लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में एक टीम ने आग पर काबू पाना तुरंत शुरु कर दिया।
वहीं दूसरी टीम ने 500 मीटर के दायरे की दुकानों को बंद कराया और लोगों को हटाया। इधर, गोदाम से पटाखों जैसी आवाजें आ रहीं हैं। देखते ही देखते आग चौथी मंजिल से सीधे डबल बेसमेंट में पहुंच गई। इसपर गोदाम की छत पर लगी टिनशेड को कटर से काटा गया और हाइड्रोलिक प्लेट फार्म लगाकर बाहर से आग पर काबू पाया जा रहा था।
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इसके साथ ही मकान के पीछे से दीवार तोड़ गई। चारों तरफ से आग पर काबू पाना शुरु किया गया। इस दौरान दो दमकल कर्मियों को आक्सीजन मास्क पहना कर अंदर भेजा गया। उन्होंने घर में रखे तीन घरेलू सिलिंडर को बाहर निकाला। लगातार दमकल गाड़ियां देर शाम तक आग पर काबू पाने के लिए पानी ढोती रही। फिलहाल, आग से किसी के घायल होने या झुलसने की सूचना नहीं है। गोदाम में लाखों रुपये का माल जला है, लेकिन कितने का सामान जला है, इसका आकलन नहीं हो पाया है। आग लगने की वजह शार्ट-सर्किट बताई जा रही है।
अन्य घरों तक न पहुंचे आग तो बाहर से छोड़ा पानी
सीएफओ ने बताया कि आग अन्य घरों तक न पहुंचे तो मकान के चारों तरफ से पानी की बौछार की गई। इसकी मदद से आग की लपटें अन्य घरों तक नहीं फैली।
इसकी लगातार निगरानी की जा रही थी। यही नहीं मकान के चारो दिशा में स्मोक एग्जास्टर लगाकर धुआं निकाला जा रहा था। वहीं, होटल हुसैनगंज स्थित निजी होटल से पानी लिया जा रहा था। यही नहीं गुरुवार होने के कारण घटना स्थल तक गाड़ियां आराम से पहुंच पा रही थी।
सातों लोग ने बाहर भागकर जान बचाई
मालिक संजय ने बताया कि सुबह नौ बजे आग लगी थी। पूजा करने के लिए घर से बाहर निकले तो छत पर बने गोदाम से धुआं निकलता देखा तो चीख-पुकार मचाई। वहीं घर में मौजूद पत्नी नेहा, बहन इला जयसवाल, नौकरानी समेत सात लोग मौजूद थे। सभी ने बाहर भागे, जिससे उनकी जान बच गई। उन्होंने बताया कि गनीमत रही कि दोनों बच्चे स्कूल में थे।
100 से ज्यादा दुकानें कराई गई बंद
लाटूश रोड इलाके की 100 से ज्यादा दुकानें बंद करा दी गईं हैं। ताकि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पानी लाने में असुविधा न हो। वहीं, सुबह से बिजली नहीं, लोग परेशान इलाके में सुबह से बिजली काट दी गई है। लोग परेशान हैं। कई घरों में पानी नहीं है। बिजली विभाग का कहना है कि आग बुझाने के बाद ही बिजली की सप्लाई की जा सकेगी।
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2012 में लगी आग में पिता की गई थी जान
दमकल कर्मियों ने बताया कि बिल्डिंग संजय जायसवाल की है। इसी में नीचे इलेक्ट्रानिक दुकान है। कूलर और झालर का काम करते हैं। इमारत की चौथी मंजिल पर गोदाम खोल रखा है। उसमें माल भर रखा था। संजय ने बताया कि 23 अप्रैल 2012 में उनके इसी घर में आग लग गई थी। उस समय उनके पिता घर के भीतर थे। आग लगने के दौरान वह बैग उठाने चले गए। उसी में उनकी दम घुटने से मौत हो गई थी। यही नहीं कोविड काल में भी आग लगी थी।
छह घंटे बाद भी नहीं पहुंचे उच्चाधिकारी
मध्य जोन में आग की इतनी बड़ी घटना हो गई। सुबह नौ बजे आग लगते सभी उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई थी। डीसीपी तो दूर एसीपी कैसरबाग तक मौके पर नहीं पहुंचे। इंस्पेक्टर ही पूरे मामले को मैनेज करते दिखे। इसको लेकर व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की।

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